कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में लोक लेखा पर संसदीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही लोकसभा और राज्यसभा के 19 अन्य सदस्यों को भी समिति के सदस्य के रूप में चुना गया है। संसद की इस समिति के अध्यक्ष का पद विपक्ष के पास रहता है।
लोक लेखा संसदीय समिति में चुने गए सदस्यों में 14 लोकसभा से नियुक्त किए गए हैं। वहीं राज्यसभा से पांच सदस्यों को नियुक्त किया गया है। समिति का कार्यकाल एक मई 2020 से शुरू हो चुका है जो 30 अप्रैल 2021 तक रहेगा। लोक लेखा संसदीय समिति का काम सरकारी खर्चों के खातों की जांच करना है। जांच का आधार नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट होती है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार 20 सदस्यीय लोक लेखा समिति में 15 सदस्य लोकसभा के हैं और पांच राज्यसभा के सदस्य है जबकि अभी भी खाली हैं।
लोकसभा के सदस्यों में अधीर रंजन चौधरी के अलावा टी आर बालू, भृतहरि महताब, जयंत सिन्हा, विष्णु दयाल शर्मा, राहुल रमेश शवले, जगदम्बिका पाल, रामकृपाल यादव, वी बलेश्वरी, सत्यपाल सिंह, सुधीर गुप्ता, सुभाषचंद्रा बहेड़या, दर्शन विक्रमजी दरवेश, अजेय मिश्र, राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन और विष्णु दयाल राम हैं।
राज्यसभा के सदस्यों में भूपेंद, यादव, राजीव चंद्रशेखर, सी एम रमेश, नरेश गुजराल और सुखेन्दु शेखर राय शामिल है। अधीर रंजन चौधरी देश की 17वीं लोकसभा के सदस्य हैं तथा इससे पहले वह 13वीं, 14वीं, 15वीं एवं 16वीं लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। इस समय वह ब्रह्मपुर से लोकसभा सांसद है।