कोरोना काल में संसद का मानसून सत्र आगामी 14 सितंबर से आरंभ हो सकता है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने संसद के आगामी मानसून सत्र में सदस्यों के प्रश्न पूछने और मुद्दे उठाने के अधिकार में कटौती न करने का आग्रह किया है।
बिरला को लिखे पत्र में चौधरी ने कहा कि प्रश्नकाल और शून्य काल में कटौती करना जन प्रतिनिधियों के हित में नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि इस सत्र के दौरान समय के आवंटन और सदस्यों की ओर से दिए जाने वाले नोटिस की संख्या को सीमित करके प्रश्नकाल और शून्यकाल में कटौती का प्रस्ताव है।’’
सितंबर में शुरू हो सकता है संसद का मानसून सत्र, जानिए कैसी रहेगी व्यवस्था?
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि प्रश्नकाल और शून्यकाल में कोई कटौती नहीं हो। सदस्यों को प्रश्न पूछने और मुद्दे उठाने का मौका दिया जाए, जैसे सामान्य तौर पर होता है।’’ गौरतलब है कि लोकसभा में प्रश्नकाल सुबह 11 बजे से 12 बजे के बीच होता है जिसमें सदस्य मंत्रियों से संबंधित विभागों से जुड़े प्रश्न पूछते हैं।
इसके बाद शून्यकाल होता है जिसमें सदस्य अपने क्षेत्र अथवा जनहित के दूसरे मुद्दे उठाते हैं। इस बार का संसद के मानसून सत्र हर बार से अलग और विशेष होगा। अटकले लगाई जा रही है कि संसद सत्र में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही वैकल्पिक दिनों के आधार पर होगी। यानी एक दिन लोकसभा की कार्यवाही होगी तो दूसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही होगी। यह कदम सामाजिक दूरी और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के मद्देनजर उठाया जा रहा है।