बेंगलुरू में एयरो इंडिया-2019 एयर शो का आगाज हो चुका है। राफेल लड़ाकू विमान ने एयरो इंडिया शो में उड़ान भरी। शो के दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रही। येलाहांका एयर फोर्स स्टेशन के ऊपर आसमान में 61 ‘मेटल बर्ड्स’ उड़ान भरने को तैयार है। एयरो इंडिया शो 2019 भारत को आसमान में अपनी ताकत को प्रदर्शित करने का मौका रहेगा और यह एशिया का सबसे बड़ा एयर शो होगा।
बेंगलुरु में शुरू हुए एयरो इंडिया 2019 में अमेरिका की बोइंग और फ्रांस की राफेल समेत दुनियाभर की 100 से ज्यादा विमान कंपनियां भाग ले रही हैं। इसलिए दुनिया भर की हथियार बनाने वाली कंपनियों की नज़र हर साल भारत में आयोजित होने वाले ‘एयरो इंडिया’ पर रहता है। हालांकि एयरो इंडिया 2019 के कार्यक्रम में सूर्य किरण विमान हिस्सा नहीं लेंगे। क्योंकि विंग कमांडर साहिल गांधी की कल रिहर्सल के दौरान आसमान में दो विमान आपसमें टकराने के कारण मौत हो गई थी।
रक्षा मंत्री ने एयरोस्पेस और अन्य क्षेत्रों में निवेशकों को किया आमंत्रित
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों को रक्षा निर्माण के बड़े बाजार भारत में एयरोस्पेस और अन्य क्षेत्रों में निवेश करने के लिए बुधवार को आमंत्रित किया। सीतारमण ने एयरो इंडिया 2019 के उद्घाटन के दौरान ‘मेक इन इंडिया’ की मजबूत वकालत की और रक्षा निर्माण में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देने समेत सरकार के उठाए कई कदमों का जिक्र किया।
एशिया के प्रमुख एयर शो का 12वां संस्करण यहां येलाहांका में आयोजित किया जा रहा है। रक्षा मंत्री ने एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में संभावनाओं की बात करते हुए कहा कि मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) संयुक्त उपक्रम साझीदार खोज सकते हैं ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके। उन्हें बंधा बंधाया बाजार मिल सकता है और वे भारत से निर्यात कर सकते हैं।
सीतारमण ने यह भी कहा कि पिछले चार साल में और मौजूदा वित्त वर्ष में सशस्त्र बलों के लिए रक्षा उपकरण की खरीदारी के लिए भारतीय विक्रेताओं के साथ करीब 1,27,500 करोड़ रुपए के 150 अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
गौरतलब है की समारोह के उद्घाटन से एक दिन पहले ही भारतीय वायु सेना की हवाई करतब टीम सूर्य किरण के दो विमान हवा में टकरा गए थे। एयरो इंडिया कार्यक्रम के रिहर्सल के दौरान हुए इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया था।
इस द्विवार्षिक समारोह में भारतीय वायु सेना अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगी। यह समारोह विमानन कंपनियों, रक्षा क्षेत्र और सरकार को नए समझौते करने के लिए मंच भी मुहैया कराएगा। एयरो एंडिया का मौजूदा संस्करण उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर स्थानांतरित किए जाने की खबरों के कारण विवादों में घिर गया था।
इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था। इन खबरों को लेकर राज्य में कांग्रेस-जद(एस) सरकार ने बीजेपी केंद्र पर निशाना साधा था। एयरो इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट में कहा गया है कि इस दौरान कुल 61 विमानों का प्रदर्शन किया जाएगा और 403 प्रदर्शक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।