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बालाकोट हमले के बाद पाक वायुसेना ने हमारी वायुसीमा में नहीं किया था प्रवेश : धनोआ

एसपीआईसीई बम से लैस मिराज..2000 विमान ने ग्वालियर बेस से उड़ान भरने के बाद जैश-ए-मोहम्मद शिविर पर हमला किया था।

वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने सोमवार को कहा कि बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय वायुसीमा में प्रवेश नहीं किया था। धनोआ ने इसके साथ ही इस बात पर जोर दिया कि भारतीय वायुसेना ने अभियान में ‘‘अपने सैन्य उद्देश्य हासिल किये थे’’ जबकि पाकिस्तान ने नहीं किये थे। 
धनोआ ने यह बात करगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे होने के मौके पर ग्वालियर एयरबेस में आयोजित दिनभर के कार्यक्रम के दौरान संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के उत्तर में कही। 
उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारी वायुसीमा में नहीं आये। हमारा उद्देश्य क्या था? हमारा उद्देश्य (आतंकवादी) शिविर पर हमला करना था और हमने वह किया। हमने हमारा उद्देश्य पूरा किया। उनका (पाकिस्तान) उद्देश्य हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला करना था। वे वैसा नहीं कर पाये।’’ 
धनोआ ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय वायुसेना ने सैन्य उद्देश्य पूरे किये लेकिन पाकिस्तानी पक्ष नहीं कर पाया। 
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनमें (पाकिस्तानी पक्ष) से कोई भी नियंत्रण रेखा पार करके हमारी ओर नहीं आया।’’ 
भारतीय वायुसेना ने ग्वालियर वायुसेना स्टेशन पर ‘एयर आपरेशंस इन करगिल वार, लेसंस लर्न्ट एंड वे फारवर्ड’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया। 
वायुसेना ने 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकवादी हमले के जवाब में 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था। 
पाकिस्तानी वायुसेना ने अगले दिन जवाबी कार्रवाई की लेकिन जम्मू कश्मीर में विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने में असफल रही। 
पाकिस्तान की ओर से वायुसीमा बंद किये जाने के बारे में पूछे जाने पर धनोआ ने कहा, ‘‘वायुसीमा को बंद करने का उनका निर्णय उनकी समस्या है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था बहुत ऊर्जावान और हवाई यातायात बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है और आपने गौर किया होगा कि वायुसेना ने हमारे असैन्य हवाई यातायात को कभी नहीं रोका।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘केवल 27 फरवरी को हमने श्रीनगर हवाई क्षेत्र को दो..तीन घंटे के लिए बंद किया था। हमने पाकिस्तान के साथ तनाव से हमारे नागरिक उड्डयन को प्रभावित नहीं होने दिया क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था उनके मुकाबले काफी बड़ी और मजबूत है।’’ 
उन्होंने मिराज..2000 की प्रशंसा करते हुए याद किया कि किस तरह से लेजर गाइडेड बम से लैस विमान ने जमीनी बलों के साथ मिलकर युद्ध की दिशा बदल दी थी। बालाकोट आपरेशन में भी एसपीआईसीई बम से लैस मिराज..2000 विमान ने ग्वालियर बेस से उड़ान भरने के बाद जैश-ए-मोहम्मद शिविर पर हमला किया था। 
धनोआ ने करगिल युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना के मिराज विमान ने पाकिस्तानी घुसपैठियों पर प्रभावी हमले किये थे। 
धनोआ ने कहा, ‘‘हम उन लोगों के समर्थन में खड़े हैं जिन्होंने यह हासिल किया। पाकिस्तान के पास ‘विजुअल रेंज’ से परे मार करने वाली मिसाइल नहीं है। जब आपके पास चौंकाने वाला तत्व हो तो आप सफलता हासिल कर सकते हैं। हमारे हमले का उद्देश्य हमेशा ही हमारा संकल्प और क्षमता दिखाना रहा है।’’ 

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