कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठनों बीच शुरू हुई 10वें दौर की वार्ता - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठनों बीच शुरू हुई 10वें दौर की वार्ता

किसान लगभग दो महीने से नए कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हुए हैं। इस दौरान किसान और सरकार के बीच हुई वार्ताएं बेनतीजा रहीं।

तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 10वें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। किसान लगभग दो महीने से नए कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हुए हैं। इस दौरान किसान और सरकार के बीच हुई वार्ताएं बेनतीजा रहीं। किसान नेता इन तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश लगभग 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आज फिर विज्ञान भवन में वार्ता कर रहे हैं। सरकार ने पिछली वार्ता में किसान संगठनों से अनौपचारिक समूह बनाकर अपनी मांगों के बारे में सरकार को एक मसौदा प्रस्तुत करने को कहा था। हालांकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। 
उल्लेखनीय है कि सरकार और किसान संगठनों के मध्य चल रही वार्ता के बीच उच्चतम न्यायालय ने 11 जनवरी को गतिरोध समाप्त करने के मकसद से चार सदस्यीय समिति का गठन किया था लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने नियुक्त सदस्यों द्वारा पूर्व में कृषि कानूनों को लेकर रखी गई राय पर सवाल उठाए। इसके बाद एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया है। 
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान करीब दो महीने से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े उद्योग घरानों की ‘कृपा’ पर रहना पड़ेगा। हालांकि, सरकार इन आशंकाओं को खारिज कर चुकी है। 

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