दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों से संबंधित जमानत याचिका खारिज कर दी है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने दलीलों को ठुकराते हुए कहा, ‘अपराध की गंभीरता, जांच के महत्वपूर्ण चरण और अभियुक्तों के आचरण जैसे सभी तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए मैं इस मामले में जमानत देना उचित नहीं समझता।’
अदालत ने इस मामले में पाया कि आरोपी एक ब्रिटिश नागरिक है, जिसका भारत से कोई संबंध नहीं है और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया गया है। इसके अलावा ऐसा भी नहीं है कि आरोपी खुद भारत में जांच में शामिल हुआ हो।
न्यायाधीश कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सात सितंबर के लिए अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान मिशेल के वकील अल्जो के. जोसेफ ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष की शिकायत में उनके मुवक्किल की भूमिका यह बताई गई है कि मिशेल को जो रिश्वत मिली वह उसने त्यागी बंधुओं को दे दी।
जोसेफ ने कहा, ‘अभियोजन पक्ष ने कहा कि उसने हवाला चैनलों के माध्यम से पैसा लिया है, जबकि उनकी शिकायत में इस दावे का कोई विवरण नहीं है।’
मिशेल ने अपने वकील के माध्यम से अदालत को बताया कि दोनों एजेंसियों ने पहले ही उससे 600 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है।
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) डी. पी. सिंह ने हालांकि अदालत के सामने इस दावे को खारिज कर दिया। सिंह ने कहा कि प्रत्यर्पण कार्यवाही के बाद मिशेल को भारत लाया गया और उसके बाद हिरासत में लिया गया था।
सिंह ने कहा, ‘मैं यह दिखाने की कोशिश कर रहा हूं कि आरोपी ने सौदे को प्रभावित करने के लिए सब कुछ किया है।’
इससे पहले सीबीआई ने बुधवार को अदालत को बताया था कि वह 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे की जांच के संबंध में एक आरोप पत्र दायर करेगी।
सीबीआई ने अपने जवाब में कहा, ‘अब तक की गई जांच के आधार पर पूरक चार्जशीट दाखिल होने की प्रक्रिया में है।’
अपनी जमानत याचिका में मिशेल ने कहा था कि संबंधित जांच समाप्त हो गई है और उसे आगे हिरासत में रखने से कोई फायदा नहीं है। उसने कहा कि वह आवश्यकता पड़ने पर जांच में शामिल होने के लिए उपलब्ध होंगे।
मिशेल को दुबई से उसके प्रत्यर्पण के बाद पांच दिसंबर, 2018 को सीबीआई ने हिरासत में ले लिया था। जबकि ईडी ने उसे 22 दिसंबर, 2018 को हिरासत में लिया था।
वह दोनों ही मामलों में न्यायिक हिरासत में है। दोनों केंद्रीय एजेंसियां 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले की जांच कर रही हैं। इस मामले में मिशेल के अलावा गुइडो हेश्के और कार्लो गेरोसा भी कथित बिचौलिए हैं।