चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे तनाव के बीच भारत की तरफ से बातचीत पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही तनाव को देखते हुए सीमा पर जितनी सुरक्षा की जरुरत है, उतनी फोर्स तैनात कर दी गई है। एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने गुरुवार को इस संबंध में जानकारी दी।
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने बताया कि भारत और चीन के बीच बातचीत चल रही है। जितनी फोर्स की जरूरत है हमने तैनाती की है। हमारी तरफ से बातचीत पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। अगर कोई नई स्थिति पैदा होती है तो हम उसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उन्होंने कहा, पूंजीगत खर्च में (20,000 करोड़ रुपये) की बढ़ोतरी सरकार का बड़ा कदम है। पिछले साल भी (20,000 करोड़ रुपये) के अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराए गए थे। इससे तीनों सेनाओं को मदद मिली। मुझे लगता है कि यह हमारी क्षमता निर्माण के लिए पर्याप्त है।
एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा, नए हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण के लिए सुरबलों को पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। आपातकालीन और अन्य प्रावधानों के तहत हथियार और अन्य पुर्जों को खरीदने पर अतिरिक्त 20,776 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। इस धन का उपयोग स्पाइस -2000 बम, स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, असॉल्ट राइफलें, टैंक और फाइटर जेट्स के लिए गोला बारूद बनाने के लिए किया गया है।
बता दें कि 2021-22 के केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 4,78,195.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रक्षा पेंशन के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं जो सैन्य और नागरिक दोनों को दिया जाएगा, जिन्होंने रक्षा मंत्रालय के तहत काम किया है।