हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-से. के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हमारा 16 सूत्री मांग को लेकर सरकार के ध्यान आकर्षण में महाधरना राज्य की जनता के हित में कमियों को दूर कर जनता के बीच मजबूत कड़ी बनाने का प्रयास है। श्री मांझी ने कहा कि हमारा विरोधी दल से कोई कंचन नही हम महाधरना कर कोई हल्ला नहीं बोले समाज में कई गलत मैसेज आ रहा है यह हम अवगत करा रहे हैं जैसे शराबबंदी का ही मामला है आज 71,000 लोग जेल में हैं जिसमें 60 हजार लोग गरीब हैं कुछ शराबबंदी कानून के कारण बेकसूर लोग जेल में हैं यह हमारे लिए दुख की बात है। यह विरोध की नहीं समीक्षा की बात है। जिससे गरीब को परेशानी हो रही है। शराबबंदी अच्छा कदम है पर गरीब परेशान हैं।
श्री मांझी ने कहा कि यह एनडीए से हमारे दल की दूरी का कोई कारण नहीं यह सिर्फ मीडिया की अपनी बात हो सकती है। हम एनडीए के पार्टनर हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने रामचरित मानस के दोहे का जिक्र करते हुए कहा कि सचिव वैद्य अरुमित्र जो प्रिय बोलहिं भय, आश, राज, धर्म, तन तीनकर बेगही होई हई नाश। जिसका अर्थ यह है कि सचिव मित्र और वैध अगर वह से प्रिय बोलते हो तो राजधर्म और तन तीनों का नाश होता है। हम पार्टनर हैं। मित्र के नाते सही बात तो कहेंगे ही जिससे कि तीनों का नाश ना हो बस यही हमारा सच्चे मित्र के नाते प्रयास है।
श्री मांझी ने एक और सवाल के जवाब में कहा कि हमारा लालू प्रसाद से नजदीकी का कोई सवाल ही नहीं। हम गलती पर चुप बैठने वाले नहीं। हम अपनी बातों से एनडीए के घटक दलों को अवगत कराते रहेंगे। आज विरोधी दल बहुत सारी बातों को लेकर उसका लाभ उठा रहे हैं। बस हमने सच बोलने की हिम्मत किया है। हमने एनडीए की जहाज को डूबने से बचाने की हिम्मत की है क्योंकि हम भी इसी जहाज पर सवार हैं।
श्री मांझी ने कहा कि हमारी पार्टी के द्वारा अगले वर्ष 2018 में 8 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में रैली करने जा रही है। जिसमें हम अपनी बातों को सरकार के हित में लाखों लाख लोगों से हाथ उठाकर समर्थन की बात करेंगे। हम साफ बात और जनहित में काम करना चाहते हैं लेकिन मेरी बात को यदि कोई जिनकी रही भावना जैसी कहावत के अनुसार कोई गलत मतलब निकाल ले तो यह उनकी बात है जिसके लिए मेरे दिल में कोई शिकायत नहीं है।
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