कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार 16वें दिन जारी है। वहीं सरकार ने नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की संभावना से गुरुवार को एक तरह से इनकार करते हुए किसान समूहों से इन कानूनों को लेकर उनकी चिंताओं के समाधान के लिए सरकार के प्रस्तावों पर विचार करने की अपील की। इस बीच पीएम मोदी ने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर किया जिसे लोगों से सुनने की अपील की है। इस वीडियो में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है।
मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें-https://t.co/B9GwPf5i3K
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2020
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें।”
बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान यूनियन के नेताओं को प्रस्तावों पर विचार करना चाहिए और वह उनके साथ आगे की चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन उन्होंने किसानों से अगले दौर की वार्ता के लिए तारीख प्रस्तावित करने जिम्मा किसान समूहों पर छोड़ दिया। केंद्र सरकार और मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसानों के प्रतिनिधियों के बीच कम से कम पांच दौर की औपचारिक वार्ता हुई है। ये किसान लगभग दो सप्ताह से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
केन्द्र सरकार के कानून में कुछ संशोधन करने, एमएसपी और मंडी व्यवस्था जैसे मुद्दों पर लिखित आश्वासन अथवा स्पष्टीकरण देने के प्रस्ताव को ठुकराते हुए किसान यूनियनें इन नए कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ी हैं। खाद्य, रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि वह अब भी वार्ता के जरिए समधान निकलने को लेकर आशान्वित हैं।
कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार किसानों से आगे और वार्ता करने को इच्छुक और तैयार है.. उनकी आशंकाओं को दूर करने के लिए, हमने किसान यूनियनों को अपने प्रस्ताव भेजे हैं। हमारी उनसे अपील है कि वे जितना जल्द से जल्द संभव हो वार्ता की तिथि तय करें। अगर उनका कोई मुद्दा है, तो उस पर सरकार उनसे वार्ता को तैयार है।’’ तोमर ने कहा कि जब वार्ता चल रही हो तो वे आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करने के बजाय किसान संगठनों को वार्ता की मेज पर बैठना चाहिए।