भारत समेत दुनियाभर में फैली वैश्विक महामराकी के कारण देश के उद्योग जगत को भारी नुकसान झेलना पड़ा रहा है। लॉकडाउन के कारण विमान सेवाएं पूरी तरह से बंद थी जिसके कारण एयरलाइन कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा, हालांकि, 25 मई से घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हो गई है। नुकसान के कारण कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है या फिर बिना वेतन के कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है। इस बीच, एअर इंडिया के कर्मचारियों और स्टाफ यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने सरकार से कंपनी को 50,000 करोड़ रुपये का पैकेज देने की मांग की। मंच ने कहा कि एअर इंडिया देश की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में संयुक्त मंच ने कहा कि एअर इंडिया देश की जरूरत है, विशेषकर संकट के समय में। ऐसे में कंपनी को दिया जाने वाला पैकेज ना सिर्फ उसकी बल्कि पूरे विमानन क्षेत्र की मदद करेगा। कोविड-19 संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज जारी किया है। इसमें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दी गयी वित्तीय राहत भी शामिल हैं। कई रेटिंग एजेंसी ने कोविड-19 के चलते चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था पांच प्रतिशत सिकुड़ने का अनुमान जताया है।
संयुक्त मंच ने अपने पत्र में कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हम आपके 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के शुक्रगुजार हैं। इस बात से आप भी सहमत होंगे कि आज के संदर्भ में विमानन क्षेत्र भी महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र को भी आगे बढ़ाने और जल्द से जल्द सामान्य स्तर पर लाना जरूरी है ताकि अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाया जा सके।’’ मंच ने कहा, ‘‘ऐसे में हमारी आप से गुजारिश है कि आप एअर इंडिया को 50,000 करोड़ रुपये का वित्तीय पैकेज दें जो उसे दूर तक चलने में काम आएगा और एअर इंडिया देश की सबसे मजबूत और सर्वश्रेष्ठ एयरलाइन बनकर उभरेगा।’’
कोविड-19 संकट के दौरान दूसरे देश में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी में एअर इंडिया ने एक बार फिर उल्लेखनीय काम किया है। कंपनी के कर्मचारियों ने निजी जोखिम उठाकर कई चार्टर विमानों और मालवाहन विमानों का परिचालन किया ताकि भारत में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।