नई दिल्लीः गांधी जयंती (2 अक्टूबर) के मौके पर बापू को नमन करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे सोमवार को पुणे से दिल्ली पहुंचे। समाजसेवी अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार तथा लोकपाल सहित अन्य वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर एक दिन के सत्याग्रह पर बैठ गये हैं। अन्ना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है।
Delhi: Anna Hazare pays tributes to #MahatmaGandhi at Rajghat on #GandhiJayanti pic.twitter.com/uGjimg7wPd
— ANI (@ANI) October 2, 2017
प्रसिद्ध गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे गांधी दर्शन को मानते है और उपवास के जरिये कई लड़ाइयां लड़ चुके हैं। बताया जा रहा है कि गांधी जयंती के मौके पर सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे दिल्ली के राजघाट पर एक दिन का सत्याग्रह करेंगे। लेकिन एएनआई से बातचीत में अन्ना ने कहा-‘मैं यहां महात्मा गांधी को राजघाट पर श्रद्धांजलि देने आया हूं।’ आपको बता दें कि खबर थी कि अन्ना हजारे गांधी जयंती के मौके पर राजघाट में एक दिन का सत्याग्रह करेंगे, लेकिन अन्ना ने मीडिया से ऐसी किसी बात की चर्चा नहीं की है।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। अन्ना ने पत्र में कहा कि इस घटना के छह वर्ष गुजर जाने के बाद भी भ्रष्टाचार को रोकने वाले एक भी कानून पर अमल नहीं हो पाया है। इससे व्यथित होकर मैं आपको (प्रधानमंत्री) पत्र लिख रहा हूं। पिछले तीन वर्षो में लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में अगस्त 2014, जनवरी 2015, जनवरी 2016, जनवरी 2017 और मार्च 2017 को हमने लगातार पत्राचार किया लेकिन आपकी तरफ से कार्रवाई के तौर पर कोई जवाब नहीं आया।
Anna Hazare arrives in Delhi, says, ‘I have just come to pay my respects to #MahatmaGandhi at Raj Ghat.’ pic.twitter.com/wf5fXBWHno
— ANI (@ANI) October 2, 2017
पीएम को लिखे अपने पत्र में अन्ना ने कहा था कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून बनते समय संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की भूमिका निभा रहे आपकी पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इस कानून को पूरा समर्थन दिया था। देश की जनता ने इसके बाद 2014 में बड़ी उम्मीद के साथ नई सरकार को चुना। आपने (प्रधानमंत्री मोदी) देश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण की प्राथमिकता का आश्वासन दिया था। लेकिन आज भी जनता का काम पैसे दिये बिना नहीं हो रहा है। जनता के जीवन से जुड़े प्रश्नों पर भ्रष्टाचार बिल्कुल कम नहीं हुए हैं। लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अमल होने से 50 से 60 प्रतिशत भ्रष्टाचार पर रोक लग सकती है लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है। तीन साल से नियुक्ति नहीं हो रही है।