पटना : बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज चालू वित्त वर्ष के अंत तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत 20 हजार करोड़ राजस्व संग्रह के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य के बड़ करदाताओं पर फोकस करने का निर्देश दिया। श्री मोदी ने यहां वाणिज्य कर विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद वाणिज्य कर अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारी चालू वित्त वर्ष के अंत तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत 20 हजार करोड़ राजस्व संग्रह के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य के बड़ करदाताओं पर फोकस करें।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 अप्रैल 2018 से लागू होने वाली ई-वे बिल के लिए विभाग के अंतर्गत हेल्प डेस्क का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस डेस्क से संपर्क कर कारोबारी और ट्रांसपोर्टर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पूर्व अप्रैल से जून 2017 तक 4,413 करोड़ रुपये तथा जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक 13,658 करोड़ रुपये राजस्व का संग्रह हुआ है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी वित्त वर्ष के बचे दिनों में प्रयास कर 20 हजार करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पार करें। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल्य वर्द्धित कर (वैट) की व्यवस्था के तहत वर्ष 2016-17 के दौरान राज्य के 597 बड़ कारोबारियों जिनका वार्षिक टर्नओवर 50 से लेकर 500 करोड़ रुपये से अधिक था से कुल राजस्व का 73 प्रतिशत संग्रह हुआ था।
इनमें 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले 36 कारोबारियों से 47 प्रतिशत, 200 से 500 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले 95 डीलरों से 11.57 प्रतिशत, 100 से 200 करोड़ रुपये के 154 कारोबारियों से 6.93 प्रतिशत और 50 से 100 करोड़ रुपये तक के 312 कारोबारियों से छह प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई थी।
श्री मोदी ने कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के अन्तर राज्य माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था 01 अप्रैल से बिहार सहित पूरे देश में लागू की जा रही है। बिल जेनरेट होने में किसी परेशानी के निराकरण के लिए वाणिज्य कर विभाग के अन्तर्गत हेल्प डेस्क का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में राज्य के अंदर भी माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जायेगी।
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