ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता गिरीश कर्नाड के निधन पर कर्नाटक में 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता गिरीश कर्नाड के निधन पर कर्नाटक में 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा

गिरीश कर्नाड ने सलमान खान की फिल्म ‘एक था टाइगर’ और ‘टाइगर जिंदा है’ में भी काम किया था। गिरीश का जन्म 19 मई 1938 को महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था।

ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता, थियेटर के प्रख्यात कलाकार, अभिनेता और नाटककार गिरीश कर्नाड का सोमवार को अपने घर में निधन हो गया। वह 81 साल के थे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा उनकी मृत्यु की पुष्टि की गई। गिरीश लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था। राष्ट्पति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गज नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। 
गिरीश कर्नाड ने निधन पर CM एचडी कुमारस्वामी ने दिग्गज साहित्यकार के निधन के बाद राजकीय शोक की घोषणा की। सरकार ने एक दिन के पब्लिक हॉलिडे की भी घोषणा की है। गिरीश कर्नाड का आज ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। 
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार के सभी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज सोमवार को बंद रहेंगे। साथ ही आज होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया गया है। कुमारस्वामी ने अपने सभी आधिकारिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। इसके अलावा विपक्षी पार्टी बीजेपी ने कांग्रेस के प्रदेश दफ्तर के सामने होने वाले अपने विरोध-प्रदर्शन के कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया है।
राष्ट्पति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, लेखक, अभिनेता और भारतीय रंगमंच के सशक्त हस्ताक्षर गिरीश कर्नाड के देहावसान के बारे में जानकर दुख हुआ है। उनके जाने से हमारे सांस्कृतिक जगत की अपूरणीय क्षति हुई है। उनके परिजनों और उनकी कला के अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं।
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पीएम मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा, गिरीश कर्नाड को सभी माध्यमों में उनके बहुमुखी अभिनय के लिए याद किया जाएगा। प्रिय लगने वाले कारणों पर भी उन्होंने भावुकता से बात की। उनके काम आने वाले वर्षों में भी लोकप्रिय होते रहेंगे। उनके निधन से दुखी: उनकी आत्मा को शांति मिले। 
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कर्नाटक के CM एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा, ज्ञानपीठ के साहित्यकार और प्रतिष्ठित अभिनेता / फिल्म निर्माता,  गिरीशकर्णड के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। साहित्य, रंगमंच और फिल्मों में उनके उत्कृष्ट योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी मृत्यु में, हमने एक सांस्कृतिक राजदूत खो दिया। उनकी आत्मा को शांति मिले।
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गिरीश कर्नाड के निधन पर सोमवार को शोक व्यक्त करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत ने एक ‘‘प्यारा बेटा’’ खो दिया है और उनकी ओर से बड़े पैमाने पर किए गए रचनात्मक कार्यों में उनकी यादें जिंदा रहेंगी। राहुल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘उनके परिजन और दुनिया भर में मौजूद उनके मुरीदों के प्रति संवेदनाएं।’’ 

उन्होंने लिखा, ‘‘नाटककार, अभिनेता, निर्देशक…लेकिन इससे भी ऊपर एक महान इंसान। गिरीश कर्नाड के गुजरने से भारत ने एक प्यारा बेटा खो दिया है और उनकी ओर से बड़े पैमाने पर किए गए रचनात्मक कार्यों में उनकी यादें जिंदा रहेंगी।’’ 

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लिखा,  श्री गिरीश कर्नाड के निधन का समाचार सुन कर बहुत दुःख हुआ। उन जैसे प्रतिभावान कलाकार के जाने से कला जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। 
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उन्होंने लिखा साहित्यकार, उत्कृष्टता, अभिनेता, निर्देशक, नाटककार और एक्टिविस्ट- गिरीश कर्नाड के निधन से भारतीय रचनात्मक क्षेत्र में एक अपरिवर्तनीय शून्य हो जाएगा। मेरे विचार और प्रार्थना उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।
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गिरीश कर्नाड ने सलमान खान की फिल्म ‘एक था टाइगर’ और ‘टाइगर जिंदा है’ में भी काम किया था। गिरीश का जन्म 19 मई 1938 को महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था। उन्हें भारत के जाने-माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फिल्म निर्देशक और नाटककार के तौर पर भी जाना जाता था। 
गिरीश कार्नाड कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों के ही जानकार थे। गिरीश कर्नाड को 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। कार्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक काफी लोकप्रिय हुए और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। 
गिरीश कर्नाड अपनी पीढ़ी की सर्वाधिक प्रतिष्ठित कलात्मक आवाजों में से एक थे। वह प्रतिष्ठित नाटककार थे। उनके नाटक ‘‘नागमंडल’’, ‘‘ययाति’’ और ‘‘तुगलक’’ ने उन्हें काफी ख्याति दिलाई। उन्होंने ‘‘स्वामी’’ और ‘‘निशांत’’ जैसी हिंदी फिल्मों में भी काम किया। उनके टीवी धारावाहिकों में ‘‘मालगुडी डेज़’’ शामिल हैं जिसमें उन्होंने स्वामी के पिता की भूमिका निभाई। 
वह 90 के दशक की शुरुआत में दूरदर्शन पर विज्ञान पत्रिका ‘‘टर्निंग प्वाइंट’’ के प्रस्तोता भी थे। बाद में वर्षों में कर्नाड सलमान खान की ‘‘टाइगर जिंदा है’’ और अजय देवगन अभिनीत ‘‘शिवाय’’ जैसी व्यावसायिक फिल्मों में भी दिखाई दिए। 

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