पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। उनकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री को एक्सट्रा-कॉर्पोरेशनल मेंब्रेन ऑक्सिजिनेशन (ईसीएमओ) में रखा गया है। इसमें ऐसे मरीजों को रखा जाता है, जिनके फेफड़े और हृदय अपने आप काम नहीं कर पाते हैं।
वही, इलाज के साथ ही उनके लिए दुआओं का दौर भी जारी है। जेटली के जल्द स्वस्थ होने के लिए शनिवार को हवन किया गया। इस बीच विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट किया, ‘देश के प्रख्यात विधिवेत्ता, राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रभु से कामना करते हैं।’
देश के प्रख्यात विधिवेत्ता, लेखक, चिंतक, राजनेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री #अरुण_जेटली @arunjaitley जी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रभु से कामना करते हैं। pic.twitter.com/FcQ8Np3epD
— विनोद बंसल (@vinod_bansal) August 17, 2019
इसके अलावा जेटली के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत कई नेता अस्पताल पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि जेटली (66) को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है और विभिन्न विभागों के डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति की निगरानी कर रही है ।
बता दें कि जेटली को नौ अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एम्स ने जेटली की स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में 10 अगस्त से कोई बुलेटिन नहीं जारी किया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन, भाजपा के सतीश उपाध्याय और कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी और ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ भी जेटली का हाल जानने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे।
बसपा प्रमुख और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए अस्पताल पहुंची। मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया, “पूर्व केन्द्रीय वित्त व रक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के स्वास्थ्य का हालचाल लेने आज नई दिल्ली के एम्स अस्पताल गई। उनके परिवार के लोगों से मिलकर उन्हें दिलासा दिलाने के साथ-साथ कुदरत से प्रार्थना भी है कि वह श्री जेटली को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दे।” इससे पहले हर्षवर्द्धन ने शुक्रवार को कहा था, “एम्स में डॉक्टर अपना हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं।”
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जेटली के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए शुक्रवार को एम्स पहुंचे थे। सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की समस्या के बाद जेटली को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस साल मई में उपचार के लिए वह एम्स में भर्ती हुए थे।
पेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनके पास वित्त और रक्षा का प्रभार था और सरकार के लिए वह संकटमोचक की भूमिका में रहे। खराब स्वास्थ्य के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था।
उस समय रेल मंत्री पीयूष गोयल को उनके वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी थी। पिछले साल अप्रैल की शुरूआत से ही वह कार्यालय नहीं आ रहे थे और वापस 23 अगस्त 2018 को वित्त मंत्रालय आए। लंबे समय तक मधुमेह रहने से वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उन्होंने बैरिएट्रिक सर्जरी करायी थी।