भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन राव की तरफ से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)पर हुई हिंसा को लेकर दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है। ओवैसी ने कहा, उनका बयान मोदी सरकार को कमतर करनवाला है।
उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री अपने वेबसाइट पर लिखते हैं कि एक छात्र के तौर पर उन्होंने आपातकाल के दौरान प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। तब, आर्मी चीफ के मुताबिक वे गलत थे।” साथ ही ओवैसी ने ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, ‘अपने कार्यालय की हद जानना भी एक नेतृत्व ही है। नेतृत्व वो है जो नागरिकता को सर्वोच्च स्थान पर रखे और उस संस्था की अखडंता को बरकरार रखें जिसकी आप अगुवाई कर रहे हो।’
दरअसल एक कार्यक्रम में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा, नेता वे नहीं हैं जो हिंसा करने वाले लोगों का नेतृत्व करते हैं। छात्र विश्वविद्यालयों से निकलकर हिंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा भड़काना नेतृत्व करना नहीं है। किसी विश्वविद्यालय का नाम लिए बिना सेना प्रमुख ने कहा कि नेतृत्व क्षमता वह नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में लेकर जाती हो। आज हम सब बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों की अगुआई में कई शहरों में भीड़ और लोगों को हिंसक प्रदर्शन करते देख रहे हैं। यह नेतृत्व क्षमता नहीं है।