अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब बाबर जैसे विदेशी आक्रमणकारी भारत आए, तो उन्होंने विध्वंस के लिए राम मंदिर को क्यों चुना? क्योंकि वे जानते थे कि देश की आत्मा राम मंदिर में निवास करती है। इसपर अयोध्या मामले में में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा है कि जो कुछ भी हुआ है उसे याद नहीं किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री के बयान पर इकबाल अंसारी ने सोमवार को कहा, राजनेता ऐसे ही बयान देते रहते हैं। जो कुछ भी हुआ है उसे याद नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई पुरानी घटनाओं की याद दिलाते हैं तो लोग उत्तेजित हो जाते हैं, इसलिए राजनेताओं को केवल हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एकता के बारे में बात करनी चाहिए।
राम जन्मभूमि पर बन रहा राम मंदिर देश की एकता का मंदिर है : प्रकाश जावड़ेकर
रविवार को दिल्ली बीजेपी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘‘राम जन्मभूमि पर बन रहा राम मंदिर देश की एकता का मंदिर है। राम देश को एकजुट करते हैं और देश की एकता के प्रतीक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाबर जब भारत आया था तो उसने अयोध्या में राम मंदिर को तोड़ दिया।’’
उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्राचीन राम मंदिर को कथित तौर पर तोड़े जाने के बाद बना विवादित ढांचा मस्जिद नहीं था क्योंकि वहां कभी धार्मिक कार्य नहीं हुए। जावड़ेकर ने कहा कि वह 1992 में अयोध्या में थे और देखा कि किस तरह से एक ‘‘ऐतिहासिक भूल’’ को ठीक किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक रात पहले वहां सोए हुए थे। बाबरी मस्जिद के तीन गुंबद दिख रहे थे। अगले दिन दुनिया ने देखा कि किस तरह से ऐतिहासिक भूल को ठीक कर दिया गया।’’