केंद्रीय मंत्रियों के बयानों पर भड़के बादल, कहा- सहमति न होने पर देशद्रोही घोषित कर देती है सरकार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

केंद्रीय मंत्रियों के बयानों पर भड़के बादल, कहा- सहमति न होने पर देशद्रोही घोषित कर देती है सरकार

सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि केंद्र सरकार किसानों के संघर्ष को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जो भी केंद्र सरकार के साथ सहमत नहीं है उसे सरकार देशद्रोही कहती है। मैं केंद्र को कहना चाहता हूं कि जो किसान बैठे हैं इनका किसी धर्म के साथ संबंध नहीं है, ये अन्नदाता हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि किसानों की आड़ में कुछ ‘‘असामाजिक तत्व’’ उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। भारत के लोग देख रहे हैं कि क्या चल रहा है। वहीं शनिवार को पलटवार करते हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि केंद्र सरकार किसानों के संघर्ष को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जो भी केंद्र सरकार के साथ सहमत नहीं है उसे सरकार देशद्रोही कहती है। मैं केंद्र को कहना चाहता हूं कि जो किसान बैठे हैं इनका किसी धर्म के साथ संबंध नहीं है, ये अन्नदाता हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र की लगातार कोशिश है कि किसान आंदोलन को राजनैतिक दलों और खालिस्तानियों का कहकर बदनाम किया जाए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि अगर कोई उनसे असहमत होते हैं, तो उन्हें देशद्रोही करार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने वालों को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। बादल ने कहा कि हम केंद्र के रवैये और ऐसे बयानों की निंदा करते हैं।
बता दें कि पीयूष गोयल ने आरोप लगाया कि प्रतीत होता है कि कुछ वामपंथी और माओवादी तत्वों ने आंदोलन पर ‘कब्जा’ कर लिया है और किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाए वे शायद कुछ और एजेंडा चला रहे हैं। आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से बातचीत में तोमर के साथ गोयल भी शामिल थे। गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारत के लोग देख रहे हैं कि क्या चल रहा है। वामपंथियों-माओवादियों को देश में कहीं समर्थन नहीं मिल रहा, इसलिए वे किसानों के इस आंदोलन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे। वे अपने एजेंडा के लिए इस मंच का दुरुपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
तोमर ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘किसानों की आड़ में असामाजिक तत्व किसान आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। मेरी किसान भाइयों से अपील है कि वे सजग रहें एवं ऐसे असामाजिक तत्वों को अपना मंच प्रदान न करें।’’ गौरतलब है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे नए कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को बनाए रखने की मांग कर रहे हैं।

डाटा बैंक के जरिए किसानों की माली हालत सुधारने के लिए सरकार कर रही है चौतरफा प्रयास : कृषि मंत्री

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × two =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।