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बैंक धोखाधड़ी मामला : प्रवर्तन निदेशालय ने सूरत की कंपनी के 6,000 वाहनों को किया कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सूरत की एक कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ बैंक कर्ज धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में करीब 1,610 करोड़ रुपये मूल्य के 6,000 से अधिक वाहनों को कुर्क किया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सूरत की एक कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ बैंक कर्ज धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में करीब 1,610 करोड़ रुपये मूल्य के 6,000 से अधिक वाहनों को कुर्क किया है। 
जांच एजेंसी ने सिद्धि विनायक लाजिस्टिक्स लि. (एसवीएलएल) और उसके निदेशक रूपचंद बैद के खिलाफ मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत संपत्ति कुर्क करने के लिये अस्थायी आदेश जारी किया। 
ईडी ने बैंक आफ महाराष्ट्र कर्ज धोखाधड़ी मामले में गलत तरीके से अर्जित 836.29 करोड़ रुपये के कालेधन को सफेद बनाने के मामले में कथित भूमिका को लेकर बैद को इससे पहले गिरफ्तार भी किया था। ताजा आदेश के तहत 1,609.78 करोड़ रुपये मूल्य के 6,170 वाहन कुर्क किये गये। 
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इससे पहले जून 2017 में 19 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने कहा कि उसने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर कंपनी तथा उसके निदेशकों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। 
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘अब तक की जांच से पता चला कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर कर्मचरियों तथा चालकों के नाम पर कर्ज लिये गये जबकि एसवीएलएल ने उन्हें अंधेरे में रखा। बैद ने संबंधित इकाइयों के विभिन्न खातों के जरिये राशि को ठिकाने लगाया।’’ 
ईडी के अनुसार बैंकों से कोष ‘चालक से मालिक’ जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत कर्ज या ऋण सुविधा के जरिये जुटाये गये। इसमें कर्ज कंपनी के चालकों और कर्मचारियों के नाम पर पुराने और नये वाहनों की खरीद को लेकर लिये गये। 
जांच एजेंसी ने कहा कि कर्ज का उपयोग उस कार्य में नहीं किया गया, जिसके लिये उसे लिया गया। इसे संबंधित इकाइयों तथा एसवीएलएल के खातों के जरिये ठिकाना लगाया गया और बाद में व्यक्तिगत लाभ, कंपनी खर्च और पुराने कर्ज के भुगतान में उसका उपयोग किया गया। 

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