रायपुर: छत्तीसगढ़ में चुनावी मिशन की कवायदों के बीच कांग्रेस अपनी तैयारी तेज करेगी। हालांकि चुनावी मिशन के बीच पार्टी की अंदरूनी गतिविधियां भी उफान पर आती नजर आ रही है। पार्टी से अलग हो चुके पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी एवं उपनेता प्रतिपक्ष रेणु जोगी को नोटिस थमाने के बाद फिर से राजनीति गरमाई हुई है। उपनेता को जोगी के क्षेत्रीय दल के कार्यक्रम में मंच साझा करने के बाद स्पष्टीकरण मांगा गया है। हालांकि इस मामले में रेणु जोगी ने दावा किया है कि उन्होंने किसी राजनीतिक कार्यक्रम में मंच साझा नहीं किया। उनके पैतृक गांव में हुआ कार्यक्रम पूरी तरह पारिवारिक था।
इसमें परंपरागत ढंग से धार्मिक पूजा किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही अपना जवाब संगठन को भेज देंगी। उपेनता ने दोहराया कि उन्होंने कभी भी पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़ा है। इधर राज्य में कांग्रेस की सियासत में उपनेता का अंदरूनी विरोध भी शुरू हो चुका है। अजीत जोगी कई मौकों पर उपनेता के अपने साथ होने और क्षेत्रीय दल में आने के दावे करते रहे हैं। इस वजह से भी राजनीति गरमाती रही है। वहीं अटकलों का दौर भी तेज होता रहा है। हालांकि उपनेता की चुप्पी के भी कई मायने तलाशे जाते रहे हैं।
वहीं जोगी के बयानों के बाद उनकी निष्ठा भी संदेह के घेरे में नजर आती रही है। हालांकि पीसीसी ने जवाब देने के लिए सात दिनों की मियाद तय की है। अब उपनेता के जवाब का इंतजार करना होगा। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के नेता संबंधित मंच को राजनीतिक मान रहे हैं। इस मंच से राजनीतिक टिप्पणियां भी होने के दावे किए गए हैं। भले ही इसे पारिवारिक कार्यक्रम के तौर पर प्रचारित किया गया है। हालांकि उपनेता के भाषण में ऐसी कोई बात नजर नहीं आई है। इसके बावजूद कट्टर विरोधी दलों में घमासान साफ नजर आ रहा है। इस मुद्दे पर तर्कों ओर तथ्यों के आधार पर घेरेबंदी भी तेज हो गई है।