कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान रोहतक से दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। देश के अन्नदाताओं का यह आंदोलन आक्रामक रुख अख्तियार कर चुका है। हरियाणा और पंजाब के किसानों के इस आंदोलन को भारतीय किसान यूनियन का साथ मिला है।
किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश सिंह टिकैत ने कहा है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से सरकार बातचीत करें तथा विवादित कानून को वापस ले। इसके साथ ही उन्होंने सर्दियों के मौसम में किसानों पर हुए लाठीचार्ज और पानी की बौछार की कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे तथा यह सुनिश्चित करे कि जिस फसल की जो न्यूनतम दर सरकार ने तय की है, उससे कम रेट पर कोई भी व्यापारी या मिल मालिक अनाज नहीं खरीदेगा। अगर उससे कम रेट पर किसानों से खरीदारी की जाती है तो क्रेता के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदर्शन करने जा रहे हैं हरियाणा, पंजाब के किसानों का भारतीय किसान यूनियन पूरी तरह से समर्थन कर रहा है तथा भाकियू आज उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर सड़क जाम कर प्रदर्शनरत किसानों का समर्थन करेगी। उन्होंने किसानों पर लाठीचार्ज व जाड़े के मौसम में पानी की बौछार करने की भी कड़े शब्दों में निंदा की।