देश के सात राज्यों- केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। केंद्र ने कहा कि हालांकि दिल्ली, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने का इंतजार है क्योंकि इन स्थानों से लिये गये नमूने जांच के लिए भेजे गये हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा जिन अन्य छह राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, उनमें केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात शामिल हैं।
मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अब तक सात राज्यों में इस रोग की पुष्टि हुई है…प्रभावित राज्यों को परामर्श जारी किया गया है, ताकि रोग को और अधिक फैलने से रोका जा सके। ’’ छत्तीसगढ़ में पॉल्ट्री में पक्षियों की और बलोद जिले में वन्य पक्षियों की शुक्रवार रात एवं शनिवार सुबह अस्वभाविक मौत होने की खबरें हैं। इनके नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गये हैं।
मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली स्थित संजय झील में बत्तखों की अस्वभाविक मौत होने की खबरें हैं और इनके नमूने जांच के लिए भेजे गये हैं। मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह, महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, डपोली, परभनी और बीड जिलों में कौओं की अस्वभाविक मौतें हुई हैं। उनके नमूने भोपाल स्थित ‘भाकृअनुप (आईसीएआर)-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान को भेजे गये हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ हरियाणा जिले के पंचकूला जिले में पॉल्ट्री (दो पॉल्ट्री फार्म) से लिए गये नमूनों में एवियन इंफ्लूएंजा की भाकृअनुप (आईसीएआर)-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान से पुष्टि होने के बाद मध्य प्रदेश के शिवपुरी, राजगढ़,शाजापुर, आगर, विदिशा जिलों में, उत्तर प्रदेश के कानुपर स्थित जूलॉजिकल पार्क और राजस्थान के प्रतापगढ़ एवं दौसा जिलों में प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।
पक्षियों को मारे जाने के अभियान की स्थिति पर मंत्रालय ने कहा कि केरल के दो जिलों में इसे पूरा किया गया है। केंद्रीय टीमें निगरानी/ महामारी संबंधी जांच के लिए केरल, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश पहुंची है। राज्यों से जल स्रोतों, जीवित पक्षियों के बाजारों, प्राणी उद्यानों और पॉल्ट्री फार्म के आसपास निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। साथ ही, शवों का उपयुक्त तरीके से निपटारा करने तथा पॉल्ट्री फार्म में जैव-सुरक्षा मजबूत करने को कहा गया है।
राज्यों को एवियन इंफ्लूएंजा की किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने और पीपीई किट तथा पक्षियों को मारने के लिए जरूरी अन्य उपकरण का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने को कहा गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘मुख्य सचिवों/ प्रशासकों से कहा गया है कि वे अफवाहों को खत्म करने के लिए उपयुक्त परामर्श जारी करें और पॉल्ट्री या पॉल्ट्री उत्पादों के सुरक्षित उपभोग के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाएं।’’ इस बीच, इस रोग के फैलने का प्रभाव देश के पॉल्ट्री उद्योग पर भी पड़ा है। पॉल्ट्री उत्पादों की मांग में कमी आने के कारण इनकी कीमतें भी घटी हैं।