केंद्र की मोदी सरकार के मेडिकल में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने के फैसले को विपक्षी दल कांग्रेस ने राजनीति से प्रेरित बताया तो बीजेपी ने इसपर करारा पलटवार करते हुए UPA सरकार पर हमला किया। बीजेपी ने कहा कि यूपीए सरकार के पिछले 10 वर्ष में ओबीसी को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया।
दरअसल, केंद्र सरकार के इस फैसले को कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने चुनावी एजेंडा बताते हुए इसे भ्रामक करार दिया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है, ‘ओबीसी को पहले से ही आरक्षण मिला हुआ था और जो उन्होंने (केंद्र सरकार) अभी आरक्षण दिया है वो कोई बड़ी बात नहीं है।’ कांग्रेस नेता ने इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ये सब चुनाव के दृष्टिकोण से प्रचार के लिए किया जा रहा है।
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इन आरोपों पर केंद्रीय मंत्री भुपेंद्र यादव ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर ज़ोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक आयोग का दर्जा दिया गया। पिछड़ा वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्जा देने करने की मांग एक लंबे समय से चली आ रही थी। लेकिन, यूपीए सरकार के पिछले 10 वर्ष में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया।
भुपेंद्र यादव ने आगे कहा, ‘’मोदी सरकार में पिछले 5 सालों में 179 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। देश में अब 558 मेडिकल कॉलेज हैं। देश में यूजी की सीटों में 56% के करीब और पीजी की सीटों में 80% के करीब बढ़ोतरी की गई।’’
बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मेडिकल और दंत चिकित्सा के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डिप्लोमा, बीडीएस और एमडीएस) में प्रवेश के लिए मौजूदा सत्र 2021-22 से अखिल भारतीय कोटा स्कीम के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10% आरक्षण देने का निर्णय लिया है।