राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद और राजग उम्मीदवार ओम बिड़ला बुधवार को सभी सर्वसम्मति से 17वीं लोकसभा के स्पीकर चुन लिए गए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न दलों कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एनडीए के नेताओं ने प्रस्ताव किया और कई अन्य नेताओं ने इनका अनुमोदन किया। बाद में पूरे सदन ने ध्वनिमत से अपना समर्थन दिया और फिर कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने बिरला को स्पीकर घोषित किया।
बीजेपी ने लोकसभा स्पीकर के लिए एनडीए में अपने साथी शिवसेना, जेडीयू, अकाली दल के साथ मिलकर ओम बिड़ला का नाम आगे बढ़ाया। लोकसभा स्पीकर घोषित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा, यह सदन के लिए बहुत गर्व की बात है और हम सभी ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर बधाई देते हैं। कई सांसद बिड़ला जी को अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने राजस्थान राज्य में भी सेवा की है।
पीएम मोदी ने कहा , व्यक्तिगत रूप से मुझे लंबे समय से ओम बिड़ला जी के साथ काम करना याद है। वह कोटा, एक जगह है जो मिनी-इंडिया है, शिक्षा और सीखने से जुड़ी भूमि का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने एक छात्र नेता के रूप में शुरुआत की और तब से बिना किसी अवकाश के समाज सेवा कर रहे हैं। ओम बिड़ला अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के लगातार 6 वर्ष तक प्रदेशाध्यक्ष रहे।
इससे पहले उन्होंने मोर्चा के जिलाध्यक्ष एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा और कोटा के उपाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली। वह राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड नई दिल्ली तथा राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ जयपुर के चेयरमैन भी रहे। इसके अलावा उन्होंने सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार लिमिटेड तथा नेशनल कोल इंडिया लिमिटेड नयी दिल्ली के निदेशक की जिम्मेदारी भी संभाली।
वह नेहरू युवा केंद्र नई दिल्ली के संयुक्त सचिव भी रहे। उन्होंने नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से सम्पूर्ण देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन की वृद्ध योजना बनाकर ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढाने के अभियान का नेतृत्व किया। राजस्थान के बारां जिले के सहरीया आदिवासी क्षेत्र में कुपोषण समाप्त करने के लिए भी उन्होंने कार्य किया।
जनवरी 2001 में गुजरात में आये भयंकर भूकम्प पीड़ितों की सहायतार्थ चिकित्सकों सहित लगभग 100 से अधिक स्वयंसेवकों के राहत दल का नेतृत्व करते हुए उन्होंने लगातार 10 दिन तक दिन -रात भूकम्प पीड़तों की सहायता की तथा उन्हें खाद्य एवं चिकित्सा सामग्री वितरित की। विभिन्न अवसरों, जयन्तियों एवं आवश्यकतानुसार रक्तदान शिविरों का भी उन्होंने समय-समय पर आयोजन करवाया।
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ओम बिड़ला ने सवाई माधोपुर सीमेंट फेक्ट्री प्रारंभ कराने के लिए जयपुर एवं सवाईमाधोपुर में आंदोलन का नेतृत्व किया। इसी क्रम में वह राज्य की विभिन्न जेलों में रहे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी निभाई। निर्धन, असहाय एवं जरूरतमन्द व्यक्तियों को नि:शुल्क भोजन मुहैया कराने के सामूहिक प्रयासों में योगदान देते हुए उन्होंने ‘प्रसादम’ प्रकल्प की स्थापना की, यह सेवा अभियान अभी भी जारी है।
शहर की कच्ची बस्तियों में अस्थाई रूप से रहने वाले निर्धन परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए जन सहयोग से बस्ती में ही ‘मेरी पाठशाला’ के नाम से स्कूल स्थापित किया। वर्ष 2014 में ओला वृष्टि के कारण फसल खराब होने के कारण हताशा एवं आर्थिक परेशानियों से घिरे किसानों को जन सहयोग से सबल देने के लिए एक मुठ्ठी अन्न राहत अभियान भी उन्होंने चलाया।
अभियान के तहत स्वयंसेवी, धार्मिक, व्यापारिक, औद्योगिक संस्थाओं के पदाधिकारियों के सहयोग से घर-घर जाकर अन्न एकत्रित कर ग्रामीण अंचल में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को अनाज उपलब्ध कराया गया। उन्होंने निर्धन, असहाय एवं जरूरतमन्द व्यक्तियों को नि:शुल्क उपचार एवं दवाईयां उपलब्ध कराने के लिए जनसहयोग से ‘मेडिसिन बैंक’ प्रकल्प की स्थापना भी की।
युवा पीढी में राष्ट्रीय भावना जागृत करने, शहीदों के बलिदान को सदैव याद रखने तथा नई पीढी में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण की भावना स्थापित करने के उद्देश्य से कोटा शहर में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम ‘‘आजादी के स्वर’’ का पिछले 13 वर्षों से आयोजन किया जा रहा है। कोटा शहर में आई.आई.टी। की स्थापना के लिए भी उन्होंने व्यापक आन्दोलन चलाया। इसके अलावा बूंदी जिले को चम्बल नदी का पानी उपलब्ध कराने के लिए भी उन्होंने काम किया।