MP में बीजेपी का कमलनाथ सरकार पर आंदोलन वार, जनांदोलन की तलाश - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

MP में बीजेपी का कमलनाथ सरकार पर आंदोलन वार, जनांदोलन की तलाश

मध्यप्रदेश की सत्ता से डेढ़ दशक बाद बाहर हुई भारतीय जनता पार्टी के तेवर धीरे-धीरे तल्ख हो चले हैं। विपक्षी दल की भूमिका में भाजपा नजर आने लगी है

भोपाल : मध्यप्रदेश की सत्ता से डेढ़ दशक बाद बाहर हुई भारतीय जनता पार्टी के तेवर धीरे-धीरे तल्ख हो चले हैं। विपक्षी दल की भूमिका में भाजपा नजर आने लगी है और उसकी ओर से एक के बाद एक आंदोलन चलाकर राज्य की सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यह बात अलग है कि अब तक एक भी आंदोलन जनता के आंदोलन में नहीं बदल पाया है । 
राज्य में दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, कांग्रेस को बहुमत न मिलने पर सरकार के भविष्य को लेकर शुरू से ही सवाल उठे, मगर वक्त गुजरने के साथ सरकार अपने को मजबूत करने में लग गई। भाजपा सत्ता से बाहर होने के बाद सीधे तौर पर सड़कों पर उतरने से परहेज करती रही, मगर लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा के खाते में आई सफलता ने पार्टी को एक बार फिर उत्साहित कर दिया है।
 
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों की कर्जमाफी के वादे को पूरा न करने का कमलनाथ सरकार पर खुालकर आरोप लगाए। उसके बाद बिजली कटौती को मुद्दा बनाया गया। पार्टी की ओर से पहला राज्यव्यापी आंदोलन किया गया। भाजपा नेता हाथों में लालटेन लेकर निकले। राज्य में अब भी बिजली कटौती मुद्दा बना हुआ है। 
भाजपा बिजली कटौती को मुद्दा बनाने में लगी है, मगर मौसम में आए बदलाव से पार्टी को लग रहा है कि इस आंदोलन को जनता का ज्यादा साथ नहीं मिलेगा तो उसने भोपाल सहित अन्य स्थानों पर मासूमों के साथ हुई ज्यादती को मुद्दा बनाया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘बेटी बचाओ अभियान’ शुरू किया, जिसे वे गैर राजनीतिक आंदोलन बता रहे हैं। 
पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल में बेटी बचाओ अभियान के लिए मुहल्ला समितियां बनाने पर जोर देते हुए कहा, यह गैर राजनीतिक आंदेालन होगा, जिसमें जनता की भागीदार होगी, राजनीतिक दल के लोग सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर इसमें शामिल होंगे और धर्मगुरु आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।
 
वहीं राज्य सरकार के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने चौहान पर हमला बोलते हुए कहा कि जब 15 साल सत्ता में रहे, तब मोहल्ला समितियों की याद नहीं आई, अब सत्ता से बाहर हुए तो यह राग आलाप रहे हैं। भाजपा काल में बालिकाओं पर अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश देश में सबसे अव्व्ल था, यह कौन नहीं जानता। 
सरकार के मंत्री शर्मा ने जहां चौहान की मोहल्ला समितियों पर सवाल उठाए तो भोपाल में हुए मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में साजिश की आशंका जता दी है, साथ ही भाजपा से जुड़े लोगों पर निशाना साधा। 
भाजपा ने पानी की समस्या को लेकर विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे आंदोलन चलाए। किसानों की कर्जमाफी के आंदेालन को भी हवा दी गई, मगर वह जोर नहीं पकड़ पाया। इससे पहले राजधानी में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद माह की एक तारीख को राजधानी में बल्लभ भवन के सामने होने वाला वंदेमातरम् न होने पर भाजपा ने सरकार पर हमला बोला था और पार्टी ने वंदेमातरम् किया था। 
राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा का कहना है कि राज्य में कमलनाथ की सरकार को घेरने में भाजपा ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है, बिजली, पानी, किसान कर्जमाफी, मासूमों पर अत्याचार को लेकर सड़कों पर आई, इन आंदोलनों को वर्गो का समर्थन मिला, मगर प्रदेशव्यापी एक भी आंदोलन खड़ा नहीं किया जा सका। हां, बिजली कटौती के मुद्दे पर जनता के बीच कुछ जगह भाजपा ने बनाई और सरकार के खिलाफ माहैाल बनाया। फिर भी भाजपा को एक ऐसे मुद्दे की तलाश है, जिसके जरिए वह पूरे प्रदेश में आंदोलन खड़ा कर सके और उसमें जनता की भागीदारी हो। 
राज्य की सरकार की स्थिरता को लेकर सवालों का सिलसिला अब तक नहीं थमा है, क्योंकि कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत वाली नहीं है। निर्दलीय, बसपा व सपा के समर्थन से चल रही है। भाजपा राज्य की सरकार की स्थिरता को लेकर जनमानस में जिस तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। ठीक इसी तरह का एक आंदोलन खड़ा कर सरकार के अलोकप्रिय होने का माहौल बनाना चाह रही है। इसलिए उसे एक ऐसे मुद्दे की तलाश है, जो जनांदोलन का रूप ले सके। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।