नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) को लेकर आज राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सीएए के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन को देखते हुए कई हिस्सों में धारा 144 लगाई गई है। लेफ्ट की पार्टियों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। सीएए के खिलाफ उत्तर प्रदेश और बिहार में गुरुवार को राजव्यापी विरोध प्रदर्शन है। सीएए को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है। इससे निपटने के लिए रणनीति भी तैयार हो चुकी है।
LIVE UPDATES :
-नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ में लोगों ने विरोध के दौरान हसनगंज में वाहनों में आग लगा दी गई।
-उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। यूपी के संभल में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बस में आग लगा दी है।
-संभल के जिलाधिकारी अविनाश के सिंह ने बताया की संभल में कुछ लोगों ने दो बसों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। हालांकि मामूली आग लगी। साथ ही पुलिस चौकी के बाहर पथराव भी किया गया। फिलहाल सम्भल में एक बार फिर इंटरनेट सेवा बन्द कर दी गई है।
-कर्नाटक में प्रदर्शनकारी फिर से नागरिकता कानून के खिलाफ बेंगलुरु के टाउन हॉल में इकट्ठा होने लगे। कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद को पुलिस ने हिरासत में लिया।
-शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने लोगों से अपील की है कि विरोध प्रदर्शन हिंसक नहीं होना चाहिए। अधिनियम के अनुसार, मैंने संसद में भी कहा था कि किसी भी धर्म को इस अधिनियम से बाहर नहीं किया जाना चाहिए।
-महाराष्ट्र में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
-कोलकाता में फिल्म निर्माता अपर्णा सेन ने भी नागरिकता अधिनियम और राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
-नागरिकता कानून के खिलाफ कांग्रेस नेताओं हरीश रावत और रिपुन बोरा विरोध में भाग लिया
-दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। आज सभी नागरिकों में एक डर है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह इस कानून को न लाए बल्कि युवाओं को रोजगार दे।
-कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मैं ईमानदारी से सभी राजनीतिक दलों, नेताओं और लोगों से अपील करता हूं कि नागरिकता कानून के मुद्दे पर शांत रहें। सीएए इस देश के लोगों के लिए कोई खतरा नहीं है, यह केवल अन्य देशों के लोगों के लिए लागू एक अधिनियम है जो भारतीय नागरिकता चाहते हैं
-सीएए के खिलाफ हैदराबाद में एक रैली में भाग लेने जा रहे दर्जनों कार्यकर्ताओं और वामपंथी नेताओं को पुलिस ने को हिरासत में ले लिया है। पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को शहर का दिल कहे जाने वाले एक्जीबिशन ग्राउंड्स में जाने के दौरान रोका।
-वामपंथी दलों और कई मुस्लिम संगठनों ने एक्जीबिशन ग्राउंड्स से राज्य विधानसभा भवन तक रैली का आह्वान किया था। हालांकि रैली करने के लिए पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी। रैली में शामिल होने के लिए जा रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता व पूर्व सांसद अजीज पाशा भी गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल हैं। गिरफ्तारी का विरोध कर रहे अजीज पाशा ने कहा, “यह अन्यायपूर्ण है। यह लोकतंत्र है या पुलिस राज।”
-उनका कहना है कि वह संविधान और वामपंथी दलों से जुड़े मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने बुर्का पहनी महिलाओं को भी रैली में जाने से रोका। इस रैली की योजना वास्तविक तौर पर ऐतिहासिक चारमीनार से एक्जीबिशन ग्राउंड्स के लिए बनाई गई थी, लेकिन साउथ जॉन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी।
-सीएए का विरोध कर रहे कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित को मंडी हाउस में पुलिस ने हिरासत में लिया।
– लाल किले के पास सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जेएनयू के पूर्व पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद को पुलिस ने हिरासत में लिया।
-लखनऊ में भी नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए मेट्रो को बंद किया गया है। परिवर्तन चौक से लेकर केडी सिंह बाबू मेट्रो स्टेशन तक शाम पांच बजे तक मेट्रो बंद रहेगी।
– सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे रामचंद्र गुहा हिरासत में लिए गए।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। प्रदेश सरकार ने इस दौरान सर्दी के प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेजों में दो दिनों- गुरुवार और शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया है।
डीजीपी सिंह ने ट्वीट किया,19 दिसंबर 2019 को पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू रहेगी और किसी भी सभा के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है। कृपया कोई भी व्यक्ति किसी भी सभा में भाग ना लें।
माता-पिता से भी अनुरोध है कि वे अपने बच्चों की काउंसलिंग करें। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली स्थित जामिया विश्वविद्यालय में असामाजिक तत्वों के द्वारा की गई तोड़फोड़ और सीलमपुर में हिंसा के बाद से देश भर में पुलिस सतर्कता बरत रही है। उत्तर प्रदेश में भी सीएए को लेकर कई विश्वविद्यालयों और शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनको लेकर प्रदेश की पुलिस सख्त हो गई है।
प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 लागू होने और पूर्व अनुमति के बगैर सभी प्रकार के कार्यक्रमों पर रोक के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदर्शन की कोशिश करने की प्रबल संभावना से टकराव की आशंका है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के अलावा एसटीएफ और एटीएस के आला अफसरों के साथ बैठक कर प्रदेश में हिंसक घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन से पहले सीआरपीसी की धारा 149 के तहत 3,000 लोगों को नोटिस जारी किया है। कुछ लोगों से पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉन्ड भी भरवाया है।
सीएए के विरोध में वामदलों के ‘बिहार बंद’ को लेकर गुरुवार को सुबह से ही बंद समर्थक सड़कों पर उतर आए जिससे आवागमन प्रभावित हुआ। पटना के पास गांधी सेतु जाम करने से सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए। बिहार के कई इलाकों में ट्रेनों को रोक कर रेल सेवा बाधित की गई। ‘बिहार बंद’ को जन अधिकार पार्टी सहित महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, रालोसपा, वीआईपी और ‘हम’ ने समर्थन दिया है।
आरा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 को ‘बिहार बंद’ समर्थकों ने जाम कर दिया, जिससे पटना-आरा मार्ग पर आवगमन ठप्प है। इसके अलावा पटना, भागलपुर, पूर्णिया सहित कई इलाकों में लोग सड़कों पर उतरे और सड़कों पर आगजनी की गई। पटना में भी एहतियातन अधिकांश स्कूलों को बंद करा दिया गया है। हाजीपुर, पूर्णिया में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और कई क्षेत्रों में सड़कें जाम की।
वामदलों द्वारा सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में नारेबाजी की जा रही है। इस बीच ‘बिहार बंद’ के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सहरसा में सुबह सहरसा-समस्तीपुर मेमो ट्रेन को बंद समर्थकों ने आधे घंटे से अधिक समय तक रोके रखा। दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने कमला-गंगा इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोक दिया। हाजीपुर में भी ट्रेन रोके जाने की सूचना है।