भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक एस एस देसवाल ने कहा है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) देश में कोविड-19 टीकाकरण में अहम भूमिका निभाएंगे और उनकी स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार इस वायरस से संक्रमित लेागों के उपचार में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ इस टीके के वितरण एवं इस्तेमाल की सरकार की योजना तैयार है।
कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी टीके की पूरी दुनिया राह देख रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा है कि भारत सभी बड़े टीकों के क्लीनिकल परीक्षणों की मेजबानी कर रहा है और उनमें से करीब 20 विकास के विभिन्न चरणों में हैं।देसवाल ने कहा कि आईटीबीपी समेत केंद्रीय सुरक्षाबल इस महाभियान में सरकार की सहायता करने के लिए तैयार है जैसा कि उन्होंने मरीजों के उपचार के संदर्भ में पिछले कुछ महीनों में किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार पहले ही देशभर में टीके के वितरण एवं उपयोग की योजना बना चुकी है और सीएपीएफ की अपने कर्मियों, उनके परिवारों के टीकाकरण एवं लोगों की मदद करने में भूमिका है। योजना पहले से तैयार है। सरकार बस टीके का इंतजार कर रही है तथा उसका वितरण एवं इस्तेमाल कोई मुश्किल नहीं होगा क्योंकि योजना पहले ही तैयार कर ली गयी है।’’
आईटीबीपी प्रमुख ने कहा कि पुलिस बल इस टीकाकरण अभियान में सरकार की सहायता के लिए सभी उपाय करेंगे और उसे जो भी काम सौंपा जाएगा, वह उसे पूरा करेगा। सीएपीएफ में एनडीआरएफ और एनएसजी के अलावा बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी शामिल हैं।
टीका योजना से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सीएपीएफ को शिविर लगाने और स्थानीय प्रशासन की लाभार्थियों की पहचान में मदद करने का निर्देश दिया जाएगा। आईटीबीपी को जनवरी में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के छावला इलाके में कोविड-19 के लिए पहला पृथकवास केंद्र बनाने का श्रेय जाता है। चीन के वुहान से निकाले गए भारतीय नागरिक एवं अन्य देशों के नागरिकों को इस केंद्र में ठहराया गया था।