सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई रिया चक्रवर्ती से लगातार पूछताछ कर रही है। सीबीआई ने आज रिया से लगातार चौथे दिन पूछताछ की। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक से सोमवार को आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। यह जानकारी पुलिस के एक अधिकारी ने दी। रिया चक्रवर्ती से पूछताछ का लगातार चौथा दिन था जो कि राजपूत को आत्महत्या के लिए उकसाने की आरोपी है। सुशांत 14 जून को उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में फंदे से लटके पाए गए थे।
अभिनेत्री और उनके भाई से मुंबई स्थित डीआरडीओ के अतिथिगृह में पूछताछ की गई। सीबीआई की जांच टीम इसी अतिथिगृह में रुकी हुई है। अधिकारी के अनुसार रिया डीआरडीओ अतिथिगृह गृह से शाम में उपनगरीय सांताक्रूज स्थित अपने निवास के लिए निकली लेकिन इमारत के बाहर बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों की मौजूदगी के कारण परिसर में प्रवेश नहीं कर सकी।
उन्होंने बताया कि रिया अपनी कार से बाहर नहीं निकली और शिकायत दर्ज कराने के लिए सीधे सांताक्रूज पुलिस थाने पहुंची। यह रिया द्वारा मीडियाकर्मियों के खिलाफ दर्ज करायी गई दूसरी शिकायत है। उन्होंने बताया कि इसके बाद करीब छह पुलिस अधिकारी रिया की इमारत के बाहर पहुंचे और अभिनेत्री को भीतर प्रवेश कराया।
इससे पहले अभिनेत्री रिया अपने भाई शौविक के साथ सुबह करीब 11 बजे अतिथिगृह पहुंची और वहां से शाम करीब साढ़े सात बजे निकली। रिया के भाई शौविक से सीबीआई बृहस्पतिवार से पूछताछ कर रही है। पिछले चार दिनों के दौरान रिया चक्रवर्ती से सीबीआई करीब 35 घंटे पूछताछ कर चुकी है। राजपूत के मित्र सैमुअल मिरांडा और घरेलू सहायक केशव भी सुबह में अतिथिगृह पहुंचे देखे गए थे। दिवंगत अभिनेता राजपूत की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी को भी सीबीआई ने बुलाया था और वह अपने वकील के साथ पहुंची।
अधिकारी ने बताया कि रिया चक्रवर्ती से पूछताछ के दौरान वकोला पुलिस थाने की चार महिला कान्स्टेबल मौजूद थीं। राजपूत अपने अपार्टमेंट में फंदे से लटके पाये गए थे और मुंबई पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का एक मामला दर्ज किया था। दिवंगत अभिनेता के पिता ने बाद में पटना में एक पुलिस शिकायत दर्ज करायी जिसमें उन्होंने रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार पर राजपूत को आत्महत्या के लिए उकसाने और उनकी राशि के गबन का आरोप लगाया। उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह राजपूत के पिता द्वारा पटना में अभिनेत्री एवं अन्य के खिलाफ दर्ज करायी गई प्राथमिकी को सीबीआई को स्थानांतरित किये जाने के निर्णय को बरकरार रखा था।