ICICI-वीडियोकॉन बैंक विवाद मामले में ICICI बैंक ने अपनी प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने का आदेश दिया है।
ICICI बैंक की तरफ से रेग्युलेटर और शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक चंदा कोचर के खिलाफ होने वाली जांच में सभी पहलुओं को देखा जाएगा और सभी तथ्यों की जांच होगी। जानकारी के मुताबिक जांच में सभी विषयों को देखा जाएगा और अंतिम नतीजे तक पहुंचाया जाएगा।
बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को भेज अपने नोटिफिकेशन में इस आशय की जानकारी दी। बैंक ने यह भी कहा है कि जांच को एक ‘स्वतंत्र और विश्वसनीय’ व्यक्ति द्वारा कराया जाएगा। बैंक ने कहा, “जांच में सभी चीजों को समेटा जाएगा और सारे प्रासंगिक मामलों से जुड़े तथ्यों का परीक्षण किया जाएगा। बैंक के बोर्ड ने अपनी लेखा समिति को इस फैसले को लागू करने के लिए सारी कार्रवाई करने को कहा है। लेखा समिति ही स्वतंत्र जांचकर्ता को आवश्यक पेशेवर और कानूनी सुविधा मुहैया कराएगी।
इससे पहले भी कोचर के खिलाफ वीडियोकॉन को लोन देने में फायदा उठाने के आरोपों की जांच चल रही है। इस मामले में सीबीआई ने अपनी आरंभिक जांच के तहत कुछ ICICI बैंक अधिकारियों से पूछताछ की है। सीबीआई इस बात का पता लगा रही है कि साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपए के लोन में बैंक किसी तरह की गड़बड़ी में शामिल है या नहीं। सीबीआई के अधिकारियों ने कहा है कि वह लेनदेन के जुड़े दस्तावेजों का अध्ययन कर रही है। इसके अलावा यह पता लगाने की कोशिश कर रहे कि ICICI बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और अन्य लोगों ने कोई गलत काम किया है या नहीं।
आपको बता दे कि ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए का लोन वर्ष 2012 में दिया था, जिसमें से 2,810 करोड़ रुपए नहीं लौटाए गए। बैंक ने वर्ष 2017 में इसे एनपीए घोषित कर दिया था।
बता दे कि ICICI बैंक के अनुसार 2012 में 20 बैंकों के कंसोर्टियम ने नियमों के मुताबिक विडियोकॉन ग्रुप को 40 हजार करोड़ रुपए का लोन देने का फैसला किया था। जिसमें से ICICI बैंक ने भी 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया। बैंक ने यह लोन उसी तरह की नियम और शर्तों पर दिया है जिस तरह के नियम शर्तों पर समूह के दूसरे बैंकों ने दिया है, ऐसे में वीडियोकॉन ग्रुप को विशेष लाभ दिए जाने की संभावना ही नहीं उठती।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।