The debate on waiver or write-off is academic. People who are mighty pleased are Nirav Modi, Mehul Choksi and Vijay Mallya!
Rules are made by human beings. If a rule can be made, it can be unmade too.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 30, 2020
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि ‘‘कर्जमाफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस अव्यवहारिक है। इससे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे लोग खुश होंगे। नियम इंसानों ने ही बनाए हैं। अगर कोई नियम बनाया जा सकता है, तो उसे खत्म भी किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘इस ऐतिहासिक गलती को दुरुस्त करने का एकमात्र रास्ता है कि रिजर्व बैंक सभी संबद्ध बैंकों को निर्देश दे कि वे अपने बही-खातों में लिखे ब्यौरे को पलटें और भगोड़ों से वसूल नहीं किए जा सके कर्ज को अपनी बही में बकाया कर्ज के तौर पर दिखाकर उनकी वसूली के लिए कदम उठाएं।