बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज साफ तौर पर कहा कि उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) जम्मू-कश्मीर से संबंधित धारा 370 हटाने का विरोध करेगी लेकिन इसे लेकर पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ नाता रखेगी या तोड़ देगी, इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। श्री कुमार ने आज यहां ‘लोकसंवाद’ के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के.सी. त्यागी के कल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बैठक के बाद दिये गये बयान कि नरेंद मोदी सरकार यदि धारा 370 को हटाने का फैसला लेती है तो पार्टी राजग में रहकर इसका विरोध करेगी लेकिन इस मामले को लेकर नाता नहीं तोड़गी, के संबंध में पूछे जाने पर सिर्फ इतना ही कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही इस धारा के हटाये जाने के पक्ष में नहीं है और इसका विरोध करेगी।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर जदयू का रूख पहले से ही स्पष्ट है और इसमें कोई परिवर्तन का सवाल ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू ने शुरू से ही अपनी राय धारा 370, समान आचार संहिता और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर स्पष्ट कर रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि राम मंदिर का निर्माण न्यायालय के निर्णय से या आपसी सहमति से हो। हमलोग समान आचार संहिता को थोपे जाने के पक्ष में भी नहीं हैं।’ श्री कुमार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में सांकेतिक भागीदारी से इनकार करने के बाद जदूय और भाजपा के रिश्ते को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा की ओर से अनेकों बार इस संबंध में प्रस्ताव आया था लेकिन पार्टी की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि अब यह कोई मुद्दा ही नहीं है। इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है। इस संबंध में पहले ही वह जवाब दे चुके हैं। कहीं कोई समस्या नहीं है। उन्हें पूरा विश्वास है कि बिहार के विकास के लिए, बिहार के हित के लिए किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आने वाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द, की मोदी सरकार ने पहले ही बहुत योजनाओं को मंजूरी दी है, उनका क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी उनकी बात केन्द, के प्रतिनिधियों से होती है तो वह उसका सदुपयोग बिहार के हित के लिए करते हैं।
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उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में वह बिहार के विकास के संबंध में अपनी बातें रखेंगे। श्री कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि 14वें वित्त आयोग ने अपने एक वाक्य से इसे खारिज कर दिया था लेकिन 15वें वित्त आयोग के समक्ष बिहार राजग के तीनों घटक दल जदयू, भाजपा और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अगले पांच वर्षों में बिहार को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।