कांग्रेस ने शुक्रवार को लोगों से किसानों के आंदोलन में शामिल होने और कृषि विधेयकों का विरोध करने की अपील की, जिसे हाल ही में संसद ने पारित किया है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “राष्ट्र को 62 करोड़ किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए जो इस कठोर कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अपने करीबी पूंजीपतियों की मदद के लिए ऐसा किया है, और ‘उन्हें गरीबों की परवाह नहीं है।
पेट में अंगारे और मन में तूफ़ाँ लिए देश का अन्नदाता किसान और भाग्यविधाता खेत मज़दूर #भारत_बंद करने को मजबूर है।
अहंकारी मोदी सरकार को न उसके मन की व्यथा दिखती न उसकी आत्मा की पीड़ा महसूस होती।
आइये, भारत बंध में किसान-मज़दूर के साथ खड़े हों, संघर्ष का संकल्प लें।#BharatBandh pic.twitter.com/I7I23v9bpp
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 25, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “पेट में अंगारे और मन में तूफ़ाँ लिए देश का अन्नदाता किसान और भाग्यविधाता खेत मज़दूर भारत बंद करने को मजबूर है। अहंकारी मोदी सरकार को न उसके मन की व्यथा दिखती न उसकी आत्मा की पीड़ा महसूस होती। आइये, भारत बंध में किसान-मज़दूर के साथ खड़े हों, संघर्ष का संकल्प लें।”
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, “किसानों से एमएसपी छीन ली जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फामिर्ंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा। न दाम मिलेगा, न सम्मान। किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा। भाजपा का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है। हम ये अन्याय नहीं होने देंगे।”
दलगत राजनीति से परे, पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा दिन भर का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार सुबह शुरू हो गया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए दोनों राज्यों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। यहां तक कि दोनों राज्यों के अधिकांश प्रमुख शहरों के दुकानदारों ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपनी दुकानें बंद कर दीं।
एकजुटता के इस तरह के पहले विरोध प्रदर्शन में, पंजाब के 31 किसान संगठनों ने संयुक्त विरोध की घोषणा की। कृषि विधेयकों के खिलाफ तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ अभियान शुरू करने के बाद से गुरुवार से कई ट्रेनों के परिचालन को बंद कर दिया गया है।