उज्जैन : मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भगवान महाकाल के दर्शन कर उज्जैन से जनआक्रोश रैली का आरंभ कर चुनावी शंखनाद किया। वहीं महाकाल मंदिर के नंदी हॉल में जाने के लिए सिंधिया समर्थकों ने हंगामा किया। समर्थकों और पुलिस के बीच भी विवाद हुआ। मध्यप्रदेश में इस वर्ष नवम्बर में विधानसभा चुनाव संभावित है। ऐसे में सभी बड़े नेता भगवान महाकाल के दर्शन करने आ रहे हैं । कमलनाथ और सिंधिया ने मध्यप्रदेश में चुनावी दौरे शुरू कर दिए है।
कांग्रेस नेता ज्येातिरादित्य सिंधिया उज्जैन दौरे पर आए। वे सबसे पहले महाकाल मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने पत्नी प्रियदर्शनी और बेटे के साथ दर्शन किए। विधि-विधान से पूजन-अभिषेक किया। दर्शन करने के बाद सिंधिया ने महाकाल मंदिर में मीडिया से चर्चा की। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है और मैंने सभी से बात की है। कांग्रेस के एकजूट होने से दूसरी ओर हलचल मच गया है। जनता में आक्रोश है इस बार कंग्रेस की सरकार बनेगी। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। साथ ही सिंधिया ने बातों-बातों में सरकार और भाजपा पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि मै धार्मिक संस्थान में राजनीति की बात नहीं करता हुं और राजनीतिक मंच से कभी धर्म की बात नहीं करता।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो हिंदू धर्म की बात करते है जैसे की हिंदू धर्म केवल उन्हीं की बपोती है। वो भूल जाते है कि हमारी संस्कृति ने क्या सिखाया है। धर्म की जगह पर कभी राजनीति नहीं होना चाहिए। वहीं राजनीति की जगह पर कहीं धर्म नहीं होना चाहिए। वहीं इसके पहले महाकाल मंदिर के नंदी हाल में जाने के लिए सिंधिया समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया। गेट पर तैनात पुलिसकर्मी से समर्थकों को विवाद भी हुआ। जिसके बाद वीआईपी प्रवेश द्वारा से भीड़ नदी हाल में प्रवेश कर गई।
भीड़ के चलते एक महिला और बच्चे बैरिकेड में फंस गए। उन्हें जैसे-तैसे बाहर निकाला गया। भीड़ में सिंधिया जूते गुम गए। सिंधिया ने कहा कि महिलाओं के हाल बेहाल हैं। भाजपा के नेता लाड़ली लक्ष्मी, कन्यादान, बेटी बचाओ का गुणगान करते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि महिला अपराध में मध्यप्रदेश आज सबसे ऊपर है। प्रदेश में चारों तरफ बलात्कार और महिलाओं की हत्याऐं हो रही हैं। आखिर कहां गईं हमारी इन्सानियत। ऐसे दुष्कर्मों से महिलाओं पर बीते मानसिक और भावनात्मक आघात की हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 14 सालों में मध्यप्रदेश में 21 हजार किसान अपनी जान देने के लिए मजबूर हुए।
मंदसौर गोली कांड के बाद मुख्यमंत्री के गृह जिले में एक दर्जन किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसानों की दुर्दशा समझना तो दूर मंत्रीगण अपने बेतुके बयानों से जख्म कुरेदने में लगे हुए हैं। लहसुन का दाम एक रुपए किलो किसानों के साथ यह कैसा मज़ाक हैं? सचमुच यहां भ्रष्टाचार एक अनंत योजना है और शिवराज का एक ही नारा है-‘झूठ बोलो, बार-बार बोलो, जोर-जोर से बोलो।
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