धनबाद (झारखंड)/ बेंगलुरू : सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले में दो वर्ष से अधिक समय से वांछित एक आरोपी को झारखंड के धनबाद जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी।
धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने संवाददाताओं को बताया कि गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले में ऋषिकेश देवरकर उर्फ राजेश को बृहस्पतिवार शाम में यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर कतरास नगर से गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि राजेश पिछले डेढ़ वर्ष से गिरफ्तारी से बच रहा था और धनबाद से 30 किलोमीटर दूर कतरास इलाके में राजेश नाम से एक पट्रोल पंप पर पिछले आठ महीने से काम कर रहा था।
वह लंकेश की हत्या मामले में गिरफ्तार होने वाला 17वां आरोपी है। लंकेश की पांच सितम्बर 2017 को बेंगलुरू में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई थी।
वाम रूझान और सत्ता-विरोधी आवाज उठाने के लिए जानी जाने वाली लंकेश की अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लंकेश की हत्या के खिलाफ देशभर में आक्रोश उत्पन्न हुआ था।
कथित रूप से गोलियां चलाने वाला शार्प शूटर परशुराम वाघमारे पहले पकड़े गए 16 लोगों में शामिल है। एक और आरोपी अभी भी फरार है।
एसएसपी ने बताया कि बेंगलुरु के एसआईटी कर्मियों ने कतरास में अपने समकक्षों की मदद से राजेश को गिरफ्तार किया और एक स्थानीय अदालत से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त करने के बाद उसे बेंगलुरु ले गए।
उन्होंने बताया कि राजेश कतरास के एक पेट्रोल पंप पर काम कर रहा था और भगत कॉलोनी में पिछले आठ महीने से इस नाम से रहा रहा था।
एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि राजेश के बारे में संदेह है कि वह लंकेश की हत्या की साजिश में शामिल था।
निरीक्षक पुनीत कुमार की अध्यक्षता वाली बेंगलुरु टीम के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने राजेश का पता उसके मोबाइल फोन लोकेशन के आधार पर लगाया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेंगलुरु पुलिस ने पेट्रोल पंप मालिक से पूछताछ की। पेट्रोल पंप मालिक ने कहा कि राजेश ने बेरोजगार होने का दावा किया था और नौकरी मांगी थी। पेट्रोल पंप मालिक ने उसे किराए पर कमरा भी दिया था।
बेंगलुरु में एसआईटी द्वारा जारी बयान के अनुसार 44 वर्षीय व्यक्ति लंकेश की हत्या के षड्यंत्र में शामिल था।
एसआईटी ने इससे पहले कहा था कि गिरोह ने दक्षिणपंथी समूह सनातन संस्था की एक पुस्तक से प्रेरित होकर साजिश रचने के बाद लंकेश की हत्या की।
सूत्रों ने कहा कि गिरोह तर्कवादी एम एम कलबुर्गी, नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या से भी कथित रूप से जुड़ा हुआ है।