भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। भारत इस वायरस से निपटने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि सरकार स्वास्थ्य कर्मियों और कोविड-19 से अधिक जोखिमग्रस्त आबादी में एहतियाती उपाय के तौर पर आयुर्वेदिक औषधि अश्वगंधा के प्रभाव का आकलन करने के लिये नियंत्रित चिकित्सीय परीक्षण करेगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि यह आयुष, स्वास्थ्य और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों की एक संयुक्त कोशिश होगी जो वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा की जाएगी। इसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) तकनीकी मदद करेगी। आयुष मंत्रालय में सचिव आयुष वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि इसके साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधि यष्टिमधु, गुडुची और पिप्पली के संयोजन और अश्वगंधा के साथ एक पॉली-हर्बल फॉर्मूलेशन (आयुष-64) के प्रभाव का भी आकलन किया जाएगा।
कोटेचा ने कहा कि ये चिकित्सीय परीक्षण इन आयुर्वेदिक औषधियों के एहतियाती उपाय के रूप में फायदों का आकलन करने में मदद करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बृहस्पतिवार को संजीवनी मोबाइल एप की भी शुरुआत की जिसका उपयोग आयुष परामर्श के उपयोग एवं स्वीकार्यकर्ता का डेटाबेस तैयार करने में किया जाएगा। करीब 50 लाख लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखने वाला यह एप आयुष मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने विकसित किया है।