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होम आइसोलेशन वाले मरीज न कराएं CT Scan, बढ़ सकता है कैंसर का खतरा : AIIMS डायरेक्टर

होम आइसोलेशन के मरीजों को सीटी स्कैन कराने की जरूरत नहीं है। अगर आपको कोरोना के हल्के लक्षण हैं तो आपको सीटी स्कैन नहीं करवाना चाहिए। एक सीटी स्कैन 300 एक्स-रे के बराबर है। ऐसे में बार-बार सीटी स्कैन करावाने से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

कोरोना वायरस का प्रकोप पूरे देश में फैला हुआ है। लाख कोशिशों के बावजूद भी संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है।  इस बीच लोगों के अंदर भय का माहौल भी पैदा हो रहा है। अचानक से हुई कई मौतों के बाद होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे मरीजों के मन में भी दहशत पैदा हो गई है। कई लोग जो ठीक हो गए हैं उन्हें भी लगता है कि कहीं इस वायरस ने हमारे शरीर के अंदर कोई डैमेज तो नहीं कर दिया। ऐसे में कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह के भी अपना सीटी स्कैन या एक्स-रे करवा रहे हैं। 
दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने एक प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के मरीजों को सीटी स्कैन कराने की जरूरत नहीं है। अगर आपको कोरोना के हल्के लक्षण हैं तो आपको सीटी स्कैन नहीं करवाना चाहिए। एक सीटी स्कैन 300 एक्स-रे के बराबर है। ऐसे में बार-बार सीटी स्कैन करावाने से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। 
उन्होंने कहा कि खासतौर से यंग लोगों को बार-बार सीटी स्कैन करावाने से बचना चाहिए। सीटी स्कैन, बायो-मार्कर्स डॉक्टर की सलाह पर ही करावाएं। अगर आपको फिर भी लग रहा है तो आप पहले चेस्ट एक्स-रे करावा लें, उसके बाद अगर आपका डॉक्टर कहता है तो आप सीटी स्कैन कराएं। इसके अलावा कोरोना के हल्के लक्षण होने पर स्टेरॉयड ना लें। अगर आपको हल्के लक्षण हैं और बुखार नहीं है तो पैनिक होने की जरूरत नहीं है। 
उन्होंने कहा सीटी स्कैन की जरूरत नहीं है तो उसे कराकर आप खुद को नुकसान ज्यादा पहुंचा रहे हैं। इसकी वजह है कि आप खुद को रेडिएशन के संपर्क में ला रहे हैं। जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। गुलेरिया का कहना है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें।  अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 93 या उससे कम हो रहा है, बेहोशी छा रही है या सीने में दर्द हो रहा है तो ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।  कोरोना वायरस का म्यूटेंट कोई भी हो हमें कोविड के सभी नियमों का पालन करना है।  इसमें ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल वही हैं। 
पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें लोगों के लंग्स में अचानक से काफी तेजी से संक्रमण हुआ है। कोरोना के कई मरीजों की हार्ट फेल होने से मौत हुई है। इसके अलावा मल्टी ऑर्गन फेल्योर के भी कई केस सामने आएं हैं।  यही वजह है कि कोरोना के होम आइसोलेशन वाले मरीजों के अंदर भी एक डर बैठ गया है।  अब पहले से काफी ज्यादा लोग सीटी स्कैन या चेस्ट एक्स-रे करवा रहे हैं। हालांकि एम्स के डायरेक्टर का कहना है कि होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे मरीज को इसकी जरूरत नहीं है। 

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