भारत-अमेरिका के रिश्ते पिछले कुछ सालों से काफी बेहतर हो रहे है। दोनों देशों के बीच बढ़ते रिश्ते के चलते ही दोनों देश कई मुद्दों पर एकसाथ आए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शनिवार को अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों में निहित भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने में अमेरिकी संसद के समर्थन और रचनात्मक भूमिका की सराहना की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सीनेटर जॉन कोर्निन ने किया और इसमें माइकल क्रेपो, थामस टुबरविल्ले और माइकल ली शामिल थे। इनके अलावा अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य टोनी गोंजालेस और जॉन केलविन एलिजे भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए।
भारत में कोविड-19 की स्थिति के शानदार प्रबंधन को रेखांकित किया
कोर्निन भारत और भारतीय-अमेरिकी सीनेट गुट के सह-संस्थापक और सह अध्यक्ष हैं। पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रतिनिधमंडल ने बड़ी और विविध जनसंख्या चुनौतियों के बादजूद भारत में कोविड-19 की स्थिति के शानदार प्रबंधन को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली एक शताब्दी में आई इस सबसे बड़ी महामारी से निपटने में देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित जनभागीदारी ने प्रमुख भूमिका निभाई।’’
इन मुद्दों पर गर्मजोशी के साथ हुई खुली चर्चा
पीएमओ के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान दक्षिण एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र सहित क्षेत्रीय व आपसी हित के मुद्दों पर गर्मजोशी के साथ खुली चर्चा हुई। मोदी और दौरे पर आए प्रतिनिधमंडल ने दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच रणनीतिक हितों के बढ़ते सामंजस्य को रेखांकित किया और वैश्विक शांति व स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सहयोग को और मजबूत बनाने की इच्छा जताई।
पीएमओ ने कहा कि इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के लिए विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला जैसे समकालीन वैश्विक मुद्दों पर सहयोग मजबूत करने को लेकर विचारों का आदान प्रदान किया गया।