त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के अमरावती में दो दिन से बवाल जारी है। शुक्रवार को अमरावती में त्रिपुरा हिंसा के विरोध में कई मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के विरोध में हिंदू संगठनों ने शनिवार को बंद बुलाया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पाद मचाया। इस घटनाक्रम पर राज्य के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी।
फडणवीस ने कहा कि त्रिपुरा में जो घटना घटी ही नहीं उसे लेकर महाराष्ट्र में हो रहे दंगे बिल्कुल ग़लत हैं। त्रिपुरा में मस्जिद को जलाया गया इसकी अफवाह फैलाई गई। वहां की पुलिस ने उस मस्जिद की फोटो भी जारी की है। हम महाराष्ट्र में हो रहे विरोध और हिंसा की निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई फर्जी तस्वीरों का पर्दाफाश किया है। मैं अमरावती के लोगों से सामाजिक सद्भाव और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
त्रिपुरा हिंसा की आग महाराष्ट्र में उठी, अमरावती में बंद के दौरान पथराव, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
दरअसल, शुक्रवार को कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव की घटनाएं मुख्य रूप से अमरावती, मालेगांव और नांदेड़ शहर में हुई थीं। अधिकारियों ने कहा था कि पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में एक ज्ञापन देने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर आठ हजार से अधिक लोग इकट्ठा हो गए।
इस ज्ञापन में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग की गई थी। जब लोग ज्ञापन सौंप कर निकल रहे थे तब कोतवाली पुलिस थाने के अंतर्गत चित्रा चौक और कॉटन मार्केट के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ। मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने दंगे सहित विभिन्न आरोपों में 11 मामले दर्ज किए हैं और दस लोगों को गिरफ्तार किया है।
अमरावती में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, स्थिति अब सामान्य है। मालेगांव में भी शुक्रवार दोपहर विरोध मार्च के दौरान पथराव हुआ। पुलिस को भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठियां चलानी पड़ीं, घटना में पुलिस का एक वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। मालेगांव में कम से कम दस पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।