अवमानना मामला : दिल्ली बार काउन्सिल ने प्रशांत भूषण को पेश होने का दिया निर्देश - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

अवमानना मामला : दिल्ली बार काउन्सिल ने प्रशांत भूषण को पेश होने का दिया निर्देश

बार काउन्सिल आफ इंडिया ने अवमानना मामले में भूषण का मामला छह सितंबर को दिल्ली बार काउन्सिल के पास विवेचना करने और कानून सम्मत फैसला लेने के लिये भेजा था।

अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषी करार दिए जाने के मद्देनजर अधिवक्ता प्रशांत भूषण को दिल्ली बार काउन्सिल (बीसीडी) ने 23 अक्टूबर को उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने भूषण पर एक रुपए का सांकेतिक जुर्माना लगाया था।
बार काउन्सिल आफ इंडिया ने अवमानना मामले में भूषण का मामला छह सितंबर को दिल्ली बार काउन्सिल के पास विवेचना करने और कानून सम्मत फैसला लेने के लिये भेजा था। इसके बाद दिल्ली बार काउन्सिल ने यह कदम उठाया। दिल्ली बार काउन्सिल ने भूषण से जवाब मांगा है कि न्यायपालिका के खिलाफ कथित विवादित ट्वीट के लिए उन्हें दोषी ठहराए जाने के मद्देनजर एक अधिवक्ता के तौर पर उनका पंजीकरण रद्द करने की कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए।
भूषण को 23 अक्टूबर को व्यक्तिगत तौर पर या वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश होने का निर्देश दिया गया है। उन्हें नोटिस मिलने के बाद 15 दिन में बार काउन्सिल को उत्तर देना होगा। राज्य की बार काउन्सिल ही एक व्यक्ति को वकालत करने का लाइसेंस प्रदान करती है। राज्य बार काउन्सिल को ही अधिवक्ता कानून के तहत कतिपय परिस्थितियों में अपने सदस्य का वकालत करने का अधिकार निलंबित करने या इसे वापस लेने सहित व्यापक अधिकार प्राप्त हैं।
दिल्ली बार काउन्सिल ने नोटिस में कहा, ‘‘आपको सुनवाई के लिए व्यक्तिगत तौर पर या आपकी ओर से अधिकृत वकील के जरिए काउन्सिल के कार्यालय में 23 अक्टूबर को शाम चार बजे पेश होना होगा। आप अपनी सुविधा के अनुसार व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश हो सकते हैं।’’
उसने कहा, ‘‘आपको यह पत्र मिलने के बाद 15 दिन में काउन्सिल को यह बताना होगा कि सवालों के घेरे में आए आपके ट्वीट और उच्चतम न्यायालय द्वारा अवमानना की याचिका के तहत दोषसिद्धि के मद्देनजर आपके खिलाफ वकील कानून की धारा 35 और धारा 24ए (पंजीकरण रद्द करना) के तहत कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।’’
भूषण ने बुधवार सुबह ट्वीट करके नोटिस मिलने की बात स्वीकार की।  काउन्सिल ने कहा कि यदि भूषण उसके सामने तय तारीख को पेश नहीं होते हैं, तो ‘‘एकपक्षीय’’ कार्यवाही की जाएगी। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट करने के कारण प्रशांत भूषण को 14 अगस्त को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था और 31 अगस्त को उन पर एक रूपये का सांकेतिक जुर्माना किया था। 
न्यायालय ने कहा था कि जुर्माना अदा नहीं करने पर अवमाननाकर्ता को तीन महीने की कैद भुगतनी होगी और वह तीन साल तक वकालत करने से प्रतिबंधित रहेगा।  प्रशांत भूषण ने 14 सितंबर को न्यायालय की रजिस्ट्री में अवमानना मामले में दंड के रूप में एक रूपया जमा कराया था।

कृषि बिल पर विरोध जारी, संसद परिसर में गांधी प्रतिमा से अंबेडकर प्रतिमा तक विपक्ष का मार्च

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three + 16 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।