पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित नील रतन सरकार अस्पताल (एनआरएस) में डॉक्टरों से हुई मारपीट के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया है। बंगाल में शुक्रवार को शुरू हुई डॉक्टरों की हड़ताल आज यानि शनिवार को भी जारी है। बता दें कि दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा समेत विभिन्न राज्यों के डॉक्टरों ने हड़ताल का खुलकर समर्थन किया।
वहीं, दिल्ली में आज भी AIIMS समेत 18 से ज्यादा बड़े अस्पतालों के लगभग 10 हजार डॉक्टरों ने हड़ताल का एलान किया है। वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सोमवार को डॉक्टरों से राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
डॉक्टरों का ममता सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम
इसके अलावा दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बंगाल की ममता सरकार को डॉक्टरों की मांगें पूरी करने के लिए 48 घंटों का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं की तो एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।
बंगाल में 300 से अधिक डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल के बीच राज्य भर के 300 से अधिक डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बिना शर्त माफी की मांग को लेकर शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के 175 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। वही, इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन (आईएमए) ने पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुये शुक्रवार से तीन दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ सोमवार 17 जून को हड़ताल का आह्वान किया है।
बंगाल : चिकित्सकों की हड़ताल जारी रहने से मरीजों के परिजन परेशान
पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं। मरीजों के परिवारों द्वारा इलाज शुरू करने के बार-बार के आग्रह के बावजूद प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों ने अपनी हड़ताल जारी रखी। एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के जूनियर चिकित्सकों ने अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखा। हालांकि, अस्पताल के द्वार आपातकालीन सेवाओं के बहाल होने की वजह से खोल दिए गए। ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में कामकाज बंद रहा।
आंदोलनकारी चिकित्सकों ने बातचीत के ममता के प्रस्ताव को ठुकराया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में बैठक के लिये बुलाया जिसे डॉक्टरों ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह उनकी एकता को तोड़ने की एक चाल है। ममता ने चार दिनों से सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सामान्य सेवाओं को बाधित करने वाले गतिरोध का हल खोजने के लिए बैठक बुलाई थी।
ममता से संपर्क करने का प्रयास किया, कोई जवाब नहीं मिला : राज्यपाल
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। त्रिपाठी ने घायल जूनियर डॉक्टर परीबाह मुखोपाध्याय से अस्पताल जाकर मुलाकात की जहां उनका इलाज चल रहा है।
उन्होंने मुखोपाध्याय की हालत का जायजा लेने के बाद बताया, “मैंने मुख्यमंत्री से संपर्क करने की कोशिश की। मैंने उन्हें फोन किया। अब तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अगर वह मुझे फोन करती हैं तो हम मामले पर चर्चा करेंगे।”
हर्षवर्धन ने डॉक्टरों से की हड़ताल खत्म करने की अपील
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके प्रदेश में डॉक्टरों के खिलाफ अल्टीमेटम वापस लेने का आग्रह किया। उनके अल्टीमेटम के कारण देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।
स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट के जरिए कहा, “मुझे काफी दुख है कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर अत्याचार के विरोध में पूरे देश के डॉक्टरों को हड़ताल करनी पड़ी। मैं ममता बनर्जी से करता हूं कि वह चिकित्सा समुदाय के दिए अपना अल्टीमेटम वापस लें और इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं।” डॉक्टरों से समाज के हित में हड़ताल समाप्त करने के की अपील करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि वह पूरे देश के अस्पतालों में उनके लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा, “मैं सभी राज्यों को, जहां ऐसी घटनाएं हुई हैं, पत्र लिखूंगा और डॉक्टरों के लिए सुरक्षित काम करने दशाएं सुनिश्चित करूंगा।” पश्चिम बंगाल की घटना पर गहरा दुख जाहिर करते हुए हर्षवर्धन ने कहा, “मैं डॉक्टरों के साथ हुए बुरे व्यवहार और उन पर हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं इस संबंध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से बात करूंगा।”