संसद में काफी दिनों से चल रहे घमासान के बाद आज आखिरकार केंद्र सरकार लोकसभा में तीन तलाक पर बिल पेश करेगी। तीन तलाक को लेकर संसद में बैठक चल रही है। वही प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान सांसदों को संबोधित किया, और एक नसीहत दे डाली मोदी ने कहा कि वह कई बार सुबह सांसदों को गुड मॉर्निंग के मैसेज के साथ एक संदेश भेजते हैं। लेकिन कुछ सांसदों के अलावा कई तो उसे देखते तक नहीं हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों के व्यव्हार के प्रति नाराजगी व्यक्त की हो। इससे पहले भी इसी साल अगस्त में संसदीय दल की बैठक के दौरान उन्होंने सांसदों को फटकार लगाई थी। तब उन्होंने कहा था कि अब अध्यक्ष राज्यसभा में आ गए हैं, आपके मौज-मस्ती के दिन बंद हो जाएंगे।
मोदी ने कहा कि आप लोग अपने आपको क्या समझते हैं, आप कुछ भी नहीं हैं, मैं भी कुछ नहीं हूं जो है बीजेपी एक पार्टी है। क्योकि बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया था की सभी सांसदों को बिल पेशी के वक़्त मौजूद रहना है। इस पर मोदी ने कहा कि ये 3 लाइन का व्हिप क्या है, बार-बार व्हिप क्यों देना पड़ता है। अटेंडेंस के लिए क्यों कहा जाए। जिसको जो करना है करिए, 2019 में मैं देखूंगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत सभी बीजेपी सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया। जहा पीएम मोदी ने सांसदों को फटकार लगाई वही बैठक में अमित शाह का लड्डू खिलाकर स्वागत किया। पहले संसद की कार्यवाही में मनमोहन सिंह के खिलाफ पीएम मोदी की टिप्पणी को लेकर बाधा डाली जा रही थी। वही बिल को पास कराने में सरकार को कांग्रेस का भी साथ मिल सकता है। संसद के सत्र से पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक भी है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकारी बिल का संसद में साथ दे सकती है।
पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में बुधवार देर रात कांग्रेस नेताओ ने इस मुद्दे पर बैठक की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में तीन तलाक बिल के पक्ष में कांग्रेस दिखी। ऐसे में मुमकिन है कि इस बिल को पास करवाने में केंद्र सरकार को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। दरअसल तीन तलाक विधेयक को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले अंतर मंत्रीस्तरीय समूह ने तैयार किया है जिसमें मौखिक, लिखित या एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिये किसी भी रूप में तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत को अवैध करार देने और पति को तीन साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है।
इस विधेयक को इस महीने ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। यह विधेयक पिछले हफ्ते पेश किया जाना था लेकिन संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि इसे अगले सप्ताह पेश किया जाएगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को महिला विरोधी बताया है। बीते रविवार को लखनऊ में इस संबंध में पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई।
बैठक में तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई। कई घंटों चली बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का निर्णय लिया। इतना ही नहीं ट्रिपल तलाक पर लाए जा रहे इस बिल को बोर्ड ने महिला विरोधी बताया है. साथ ही तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को क्रिमिनल एक्ट करार दिया है।
बोर्ड की मीटिंग में तीन तलाक पर कानून को महिलाओं की आजादी में दखल कहा गया है। गौरतलब है कि सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को ला रही है। ये कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा।
इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा। जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा। इसमें मजिस्ट्रेट द्वारा जुर्माना तय किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे – एक साथ तीन बार तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) कहना गैरकानूनी होगा।
प्रस्तावित कानून के तहत तलाक पीड़िता अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से अपील कर सकेगी। मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है। मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे और प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है।
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