बजट शुक्रवार को संसद में पेश होना है वहीं गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राज्य सभा में पेश 2018-19 की आर्थिक सर्वे में कहा गया है, ‘‘2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में पूरे साल वृद्धि दर के निचले स्तर पर रहने के बाद यह अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत है।’’
समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। राज्य सभा में पेश किया गया आर्थिक सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा तैयार किया गया है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने कहा कि हमारी टीम ने बहुत समर्पण के साथ बहुत प्रयास किए हैं। मुझे उम्मीद है कि परिणाम अच्छे होंगे। हम अर्थव्यवस्था के लिए विचारों में योगदान करने में सक्षम हैं। मुझे आशा है कि सर्वशक्तिमान हमें आशीर्वाद देता है।
जनसंख्या प्रवृत्ति के बारे में आर्थिक समीक्षा में बुजुर्ग आबादी के लिये तैयारी की जरूरत पर बल दिया है। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश में वृद्धि के साथ चरणबद्ध तरीके से सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने की जरूरत को भी रेखांकित किया गया है। इसके अलावा आर्थिक समीक्षा में छोटी कंपनियों के बजाए बड़ी कंपनी बनने की क्षमता रखने वाली नई कंपनियों को बढ़ावा देने के लिये नीतियों को नई दिशा देने का भी आह्वान किया गया है।
देश की उपलब्धियों के बारे में आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि जहां एक ओर वर्ष 2014 एवं वर्ष 2018 में विश्व स्तर पर उत्पादन में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर भारत ने चीन से भी ज्यादा आर्थिक वृद्धि दर को बरकरार रखते हुए छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
समीक्षा के अनुसार, ‘‘इन पांच वर्षों में औसत महंगाई दर इससे पहले के पांच वर्षों की महंगाई दर की तुलना में कम रही….चालू खाता घाटा (सीएडी) संतोषजनक स्तर पर बना रहा जबकि विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सर्वाधिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।’’ इसमें विदेशी मुद्रा भंडार 2018-19 में 412.9 अरब डालर रहने का अनुमान जताया गया है जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 3.4 प्रतिशत रहने की संभावना है।
आर्थिक समीक्षा में जीडीपी वृद्धि को गति देने के लिये निवेश आकिर्षत करने की बात कही गयी है। इसमें निवेश की अगुवाई वाले मॉडल की सफलता के लिए देश में निवेशकों के समक्ष मौजूद जोखिमों को सुव्यवस्थित ढंग से कम करने पर जोर दिया गया है।
अर्थव्यवस्था की सेहत का आईना समझी जाने वाली वार्षिक आर्थिक समीक्षा में देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 तक 5,000 अरब डालर पहुंचाने के लिये 8 प्रतिशत की दर से जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि हासिल करने और निवेश बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024-25 तक अर्थव्यवस्था का आकार 5,000 अरब डालर पहुंचाने का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है।
हर बार की तरह इस बार भी आर्थिक सर्वे आम बजट से एक दिन पहले जारी किया जा रहा है। इस सर्वे में देश के विकास का सालाना लेखा जोखा होता है। पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था और सरकार की योजनाओं में क्या प्रगति हुई इस बारे में इस सर्वे में जानकारी दी जाती है।