तबलीगी जमात मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कई शहरों में छापेमारी की। ईडी ने कार्रवाई मौलाना साद कांधलवी, जमात से जुड़े ट्रस्टों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और अन्य कुछ स्थानों पर सबूत एकत्रित करने के लिए छापे मारे।
ईडी ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की जा रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की एक शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद मौलाना साद और अन्य के खिलाफ अप्रैल में धन शोधन का मामला दर्ज किया था।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने के खिलाफ आदेश का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले में 31 मार्च को मौलाना समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह प्राथमिकी निजामुद्दीन थाने के प्रभारी की शिकायत पर दर्ज कराई गयी थी।
मौलाना साद पर केंद्र सरकार द्वारा लागू सामाजिक दूरी के नियमों की अवज्ञा करते हुए निजामुद्दीन मरकज में मार्च महीने में धार्मिक समागम आयोजित करने का आरोप है। बाद में ईडी ने मामले को संभाल लिया और वह मौलाना साद तथा तबलीगी जमात के कुछ अन्य पदाधिकारियों एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित धन शोधन के आरोपों तथा उनके निजी वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है।
तबलीगी जमात को कुछ विदेशी और घरेलू स्रोतों से प्राप्त चंदा भी एजेंसी की जांच के दायरे में है। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले के बाद मौलाना साद ने एक ऑडियो संदेश में कहा था कि वह निजामुद्दीन मरकज में समारोह में शामिल हुए कई लोगों को कोविड-19 की पुष्टि के बाद खुद पृथक-वास में रह रहा है।
तबलीगी जमात के कार्यक्रम के खिलाफ दर्ज पुलिस की प्राथमिकी में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने 21 मार्च को निजामुद्दीन मरकज के अधिकारियों से संपर्क किया था और उन्हें सरकारी आदेश की याद दिलाई थी। इसमें कहा गया कि बार-बार प्रयासों के बावजूद आयोजकों ने स्वास्थ्य विभाग या अन्य किसी सरकारी एजेंसी को मरकज के अंदर बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने के बारे में सूचित नहीं किया और जानबूझकर सरकारी आदेशों की अवहेलना की।