वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है और इसके लिए सबसे ज्यादा जोर गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (एनपीए) की स्थिति में सुधार लाने पर दिया जा रहा है। वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में बुधवार को वित्त विधेयक पर 15 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बैंकों के लिए एनपीए की स्थिति सबसे ज्यादा चिंता का विषय है और सरकार इस स्थिति को ठीक करने के उपाय कर इसमें सुधार का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि इन उपायों का मकसद सिर्फ निवेश हासिल करना नहीं है बल्कि इसके माध्यम से पूरे बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को केंद्र सरकार की तरफ से पूंजी उपलब्ध कराकर एनपीए को कम किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बैंकों को 252982 हजार करोड़ रुपये दिए हैं जबकि बैंकों ने 66514 हजार करोड़ रुपये खुद जुटाए हैं। इस तरह से बैंकों के पास कुल राशि तीन लाख 19 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है और यह प्रयास एनपीए कम करने में मददगार साबित होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों में एनपीए की स्थिति ऋण डूबने, भ्रष्टाचार, अनुशासन की कमी, व्यवस्था बनाए रखने में असफल रहने, निर्धारित नियमों का ठीक तरह से पालन नहीं करने जैसी कई वजह से उत्पन्न हुई। सरकार ने भी इस स्थिति को समझा इसलिए रिजर्व बैंक ने इसके लिए दिसम्बर 2015 में एक समिति का गठन किया।
उन्होंने कहा कि इन सब स्थितियों के बावजूद सरकार का प्रयास अब बैंकों के एनपीए में कमी लाने का है और इस इस दिशा में प्रभावी तरीके से काम किया जा रहा है। सीतारमण ने बताया कि बजट में 27,86,349 करोड़ रुपये के कुल व्यय का प्रावधान किया गया है जो पिछले वित्त वर्ष के बजट अनुमान से 3,44,136 करोड़ रुपये और संशोधित अनुमान से 3,29,114 करोड़ रुपये ज्यादा है।
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सकल कर प्राप्ति अनुमान 24,61,195 करोड़ रुपये है जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 2,13,020 करोड़ रुपये ज्यादा है। उन्होंने कहा कि निवल कर प्राप्ति अनुमान 16,49,582 करोड़ रुपये है जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 1,65,176 करोड़ रुपये यानी 11.13 प्रतिशत अधिक है। गैर-कर प्राप्ति 3,13,179 करोड़ रुपये है जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 67,903 करोड़ रुपये अधिक है।
विनिवेश से 1,05,000 करोड़ रुपये की प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार हर वृहद आँकड़ में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि बजट में पेश किया गया हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। बजट और बजट से एक दिन पहले संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी आँकड़ को लेकर विसंगति के बारे में उन्होंने कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी के मई में जारी पूर्वानुमान को आधार बनाया गया है जबकि बजट के लिए 07 जनवरी को जारी पहले अग्रिम अनुमान को आधार बनाया गया है।
दोनों ही वित्त वर्ष 2019-20 में नॉमिनल जीडीपी 211,00,607 करोड़ रुपये होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय द्वारा बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के बारे में बार-बार आँकड़ माँगे जाने के बावजूद वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि इस समय बैंकों का एनपीए कितना है। हालांकि, उन्होंने बैंकों का एनपीए कम करने के लिए मोदी सरकार द्वारा किये गये उपायों की चर्चा जरूर की।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता के सही आँकलन के लिए दिसंबर 2015 में परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा शुरू की थी। सरकार ने पिछले पाँच वित्त वर्ष में बैंकों के पुन:पूँजीकरण के तहत 2,52,987 करोड़ रुपये की राशि सरकारी बैंकों को दी है जबकि उन्होंने स्वयं 66,510 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है।