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बिहार, महाराष्ट्र व अन्य प्रांतों के किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों के समर्थन में तोमर से की मुलाकात

सोमवार को अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति से जुड़े हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार समेत देशभर के किसान संगठनों के प्रतिनधियों ने तोमर से यहां कृषि भवन में मुलाकात की।

नये कृषि कानूनों के विरोध में एक तरफ दिल्ली की सीमाओं पर कुछ किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कानून के समर्थन में किसानों के प्रतिनिधि रोज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर रहे हैं। इसी सिलसिले में सोमवार को अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति से जुड़े हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार समेत देशभर के किसान संगठनों के प्रतिनधियों ने तोमर से यहां कृषि भवन में मुलाकात की।
अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलकर उन्हें अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री से हुई चर्चा के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों नये कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने की मांग की। हालांकि किसान नेताओं ने सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन का समर्थन किया। किसान नेताओं ने ज्ञापन में कहा है कि भारत की कृषि-अर्थव्यवस्था को मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो तीन कानून लाए गए हैं, वे उन कानूनों का समर्थन करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “हम जानते हैं कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में विशेषकर दिल्ली में जारी किसान आंदोलन में शामिल कुछ तत्व इन कृषि कानूनों के बारे में गलतफहमियां उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे लंबे संघर्ष के परिणामस्वरूप जो आजादी की सुबह किसानों के जीवन में आई है, उसे फिर से अंधेरी रात में बदलने की कोशिश में ये तत्व गलतफहमियां फैला रहे हैं।”
उधर, केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन सोमवार को 19वें दिन जारी है और विभिन्न किसान यूनियन के नेता एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वहीं नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है।
उन्होंने कहा कि हमने कहा है कि हम वार्ता के लिए तैयार हैं। यदि उनका (किसान यूनियनों का) प्रस्ताव आता है, तो सरकार निश्चित रूप से यह करेगी … हम चाहते हैं कि चर्चा को खंड द्वारा आयोजित किया जाए। वे हमारे प्रस्ताव पर अपनी राय देंगे, हम निश्चित रूप से आगे की वार्ता करेंगे।

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