किसानों के मसले का समाधान तलाशने और आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार के साथ किसान नेताओं की वार्ता बुधवार को होगी। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं और वे संबंधित कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इन किसानों में ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से हैं। कड़ाके की ठंड में किसानों का अभी भी विरोध जारी है।
किसानों ने मांग पूरी न होने पर आगामी दिनों में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक हुई पांच दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। केंद्र ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए 30 दिसंबर को होने वाली अगले दौर की वार्ता के लिए 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है।
अब तक हुई पांच दौर की बातचीत में पिछले दौर की वार्ता पांच दिसंबर को हुई थी। छठे दौर की वार्ता नौ दिसंबर को होनी थी, लेकिन इससे पहले गृह मंत्री शाह और किसान संगठनों के कुछ नेताओं के बीच अनौपचारिक बैठक में कोई सफलता न मिलने पर इसे रद्द कर दिया गया था।