कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन जारी है, इस बीच बीजेपी नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर जमकर कटाक्ष किया। केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी और उनके सहयोगी दलों को शर्मनाक दोहरे चरित्र वाला बताते हुए कहा, इनका राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है तो अपना वजूद बचाने के लिए ये किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं।
उन्होंने कहा, किसानों से संबंधित सुधारों को लेकर जो कानून बने हैं, उसको लेकर कुछ किसान संगठनों ने जो शंका उठायी है उसके लिए चर्चा हो रही है, वो चर्चा की अपनी प्रक्रिया है जो सरकार कर रही है। लेकिन अचानक तमाम विपक्षी या गैर बीजेपी दल कूद गए हैं। किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है।
किसानों के मन की बात सुन ‘काले कानूनों’ को वापस ले सरकार : कांग्रेस
रविशंकर प्रसाद ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने मेनिफेस्टो में साफ-साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार पर सभी बंधनों से मुक्त करेगी। उन्होंने कहा, शरद पवार जब देश के कृषि और उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे तो उन्होंने देश के सारे मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी। जिसमे उन्होंने लिखा था कि मंडी एक्ट में बदलाव जरूरी है, प्राइवेट सेक्टर का आना जरूरी है, किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अवसर मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा, आज जो हमने काम किया है, 8-9 साल पहले मनमोहन सिंह जी की सरकार ये कर रही थी, 2005 में शरद पवार ये बोल रहे थे। जिस समय शरद पवार ये बोल रहे थे कि अगर आप सुधार नहीं करोगे तो हम वित्तीय समर्थन देना बंद कर देंगे। उस समय मनमोहन सिंह जी की सरकार का समर्थन सपा, RJD, CPI और अन्य दल कर रहे थे।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘शरद पवार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि APMC एक्ट में बदलाव किए तो अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। अखिलेश यादव आपको याद दिलाऊंगा कि कृषि संबंधित मामलों की संसदीय समिति में आपके पिता और समाजवादियों की अंतिम आवाज मुलायम सिंह यादव ने भी कहा कि किसानों को मंडी कल्चर से बाहर आना जरूरी थी।’
कृषि कानून : किसानों ने जनता से ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन करने की अपील की
विपक्ष के सवाल पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं कानून मंत्री के तौर पर कह रहा हूं कि ना किसानों की जमीन को बंधक बनाया जाएगा और ना ही लीज पर लिया जाएगा। हमने किसानों को डिजिटल मंडी दी है, जिसमें अभी एक लाख करोड़ का व्यापार होता है। किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है।’
किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हुए हैं। इस बीच किसानों ने जनता से अपील की है कि वे मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद’ को अपना समर्थन दें। भारत बंद को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, माकपा और द्रमुक ने अपना समर्थन दिया है।