प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देश की दूसरी हरित क्रांति पूर्वी भारत से शुरू होगी, जिसमें सिंदरी, बरौनी और गोरखपुर उर्वरक संयंत्रों की अहम भूमिका होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां 27 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें सिंदरी उर्वरक संयंत्र को दुबारा शुरू करने के लिए 7000 करोड़ रुपये का व्यय शामिल है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश की दूसरी हरित क्रांति पूर्वी भारत से शुरू होगी और इसमें सिंदरी, बरौनी एवं गोरखपुर उर्वरक संयंत्रों की अहम भूमिका होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंदरी उर्वरक संयंत्र को 16 वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया था। हालांकि इस परियोजना की आधारशिला तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एवं जनसंघ के संस्थापक डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने रखी थी। 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने वादा किया था कि सिंदरी उर्वरक संयंत्र को दुबारा शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में तकनीक में परिवर्तन लाना जरूरी हो गया है और यह निर्णय लिया गया कि इस संयंत्र को गैस से चलाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि धनबाद और सिंदरी में उनके मेगा सिटी के रूप में विकसित होने की अपार क्षमता है। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र में उर्वरक का उत्पादन शुरू हो जाने से यूरिया की परिवहन लागत में कमी आएगी। इससे रोजगार के अवसरों का सृजन होने के साथ ही किसानों को आसानी से यूरिया उपलब्ध हो सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सरकार को यूरिया पर सब्सिडी देनी पड़ती थी लेकिन यह किसानों को उपलब्ध होने की बजाय अमीर लोगों के कारखानों में पहुंच जाता था। नामदारों (कांग्रेस शासक) ने इस पर कभी नहीं सोचा कि यह यूरिया कारखानों में कैसे पहुंच रहा है। इसे देखते हुये उनकी सरकार ने नीम लेपित यूरिया का उत्पादन शुरू कराया।
इससे यूरिया की चोरी बंद हुई और अब इसका केवल किसान ही इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे अमीर लोग चिंतित हुये लेकिन इससे किसानों को यूरिया प्राप्त करने के लिए पुलिस के लाठी-डंडे नहीं खाने पड़गे।
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