वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम 4 बजे एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करेंगी। इस कांफ्रेंस में वह 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से जुड़े आगे के विवरण के बारे में बताएंगी। वित्तमंत्री आज चौथे दिन इस पैकेज को लेकर जानकारी देंगी। कोरोना को परास्त करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री ने बुधवार को किये थे ये बड़े ऐलान
जिसके बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने बुधवार को पहले चरण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूती देने के लिए करीब छह लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री ने एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव, ढ़ांचा गत और आवास क्षेत्र की परियोजनाओं को पुरा करने लिए ठेकेदारों और डेवलपर को बिना हर्जाने के छह माह का अतिरिक्त समय देने, टीडीएस और टीसीएस कटौती की दर में चौथाई कमी करने, आयकर रिटर्न जमा करने का समय नवंबर तक बढ़ाने, ईपीएफओ अंशदान में सहूलियत की भी घोषणा की।
इन उपायों से नकदी का प्रवाह बढ़ने और कारोबार में आसानी की उम्मीद है। पहले चरण का पैकेज मुख्यत: छोटी मझोली इकाइयों पर केंद्रित रहा। इसमें एमएसएमई क्षेत्र के लिए बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने और गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को और अधिक नकदी उपलब्ध कराने के उपाय जैसी कई घोषणाएं शामिल रही।
वित्त मंत्री ने गुरुवार को किये थे ये बड़े ऐलान
वहीं गुरुवार को वित्त मंत्री ने राहत पैकेज की दूसरी किस्त जारी करते हुए कहा कि तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं। केंद्र सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। 50 लाख सड़क विक्रेताओं की मदद करने के लिए सरकार 5000 करोड़ रुपये के विशेष क्रेडिट सुविधा की घोषणा की गयी।
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को किये थे ये बड़े ऐलान
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को इस आर्थिक पैकेज के तीसरी किश्त की घोषणा करते हुए कृषि उपज के रखरखाव, परिवहन एवं विपणन सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कषि ढांचागत सुविधा कोष की घोषणा की। वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि इस कोष का इस्तेमाल शीत भंडारगृह, कटाई के बाद प्रबंधन ढांचे पर किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों (एमएफई) को संगठित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की।
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बता दें कि कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे देश के विभिन्न वर्गों के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था को गति देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिये व्यापक स्तर पर सुधारों को आगे बढ़ाने का भी जिक्र किया। वित्तीय पैकेज के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के हाल के निर्णय, रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज श्रमिकों, किसानों, ईमानदार करदाताओं सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों और कुटीर उद्योगों के लिये होगा। उन्होंने कहा कि देश का लक्ष्य आत्म निर्भर बनना है और उन्होंने इसके लिये अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचा को महत्वूपर्ण बताया। स्थानीय उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से ‘लोकल पर वोकल बनने’ यानी स्थानीय उत्पादों को महत्व देने और उनकी मांग बढ़ाने के साथ ही उनका प्रचार करने पर भी जोर दिया।