एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में लड़की की हत्या का प्रयास करने वालों की बजाय हिंसा में घायल लड़की के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने की मंगलवार को निंदा की।
ओवैसी ने कहा, “उन्होंने उस यूनियन अध्यक्ष की हत्या करने का प्रयास किया। पहली बात यह है कि जांच यह होनी चाहिए कि पुलिस ने उन्हें प्रवेश कैसे करने दिया। दूसरी, कुलपति ने क्या किया। तीसरा, पुलिस ने गुंडा तत्वों को सुरक्षित निकलने दिया।”
ओवैसी रविवार को छात्रों को निशाना बनाने वाली हिंसा और विश्वविद्यालय में सर्वर कक्ष में तोड़फोड़ के संबंध में पुलिस द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों का उल्लेख कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि प्राथमिकियां जेएनयू के सर्वर कक्ष में तोड़फोड़ के संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पांच जनवरी को दी गई एक शिकायत पर दर्ज की गई हैं।
प्रशासन ने छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष सहित अन्य पदाधिकारियों के नाम तोड़फोड़ के संबंध में दिये थे लेकिन पुलिस ने उसका नाम और अन्य छात्रों के नाम आरोपियों के कॉलम में नहीं डाले हैं। ओवैसी ने घोष का नाम लिये बिना कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि एक मामला उस लड़की के खिलाफ दर्ज किया है जिसे सिर पर 18-19 टांके आये हैं।
उन्होंने कहा, “अनधिकृत प्रवेश, इन सभी लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की बजाय हम देख रहे हैं कि बिल्कुल उल्टा हो रहा है। यह अन्याय हो रहा है, मैं इस व्यवहार की निंदा करता हूं। यह पूरी तरह से गलत है।” हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने मांग की कि जेएनयू कुलपति घटनाओं को लेकर पद से इस्तीफा दें।