जम्मू-कश्मीर से सटी भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वालों की अब खैर नहीं है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (IBG) तैनात करने करने को पूरी तरह तैयार है। IBG को तैनात करने की मंजूरी रक्षा मंत्रालय की ओर से मिल चुकी है। भारतीय सेना इस साल के अंत तक 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाक सीमा पर तनाव के बीच अपने पहले इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप को तैनात करने के लिए तैयार है।
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने बताया कि साल के अंत तक करीब 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर भारतीय सेना की ओर से अपने पहले आईबीजी को तैनात किया जाएगा। सेना ने अपनी पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा के लिए 11 से 13 इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाने और तैनात करने की योजना बनाई है। रक्षा मंत्रायल ने 11वीं वाहिनी के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है, जो हिमाचल प्रदेश के योल में स्थित है।
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मंत्रालय के अनुसार, योल स्थित सेना की 11वी वाहिनी से आईबीजी का गठन कर उसे पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2009 में गठित सेना की 11वीं वाहिनी उसकी सबसे युवा टुकड़ियों में से एक है और यह हरियाणा के चंडीमंदिर स्थित सेना के पश्चिमी कमान का अभिन्न अंग भी है।
पाकिस्तान की नापाक हरकतों को विफल करने के लिए ही इंटिग्रेटिड बैटल ग्रुप्स बनाया गया है। यह सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन है और जनरल रावत इसके प्रमुख प्रस्तावक हैं। आईबीजी का लक्ष्य सेना के विभिन्न प्रभागों को एक नये समूह में शमिल करना है। इसमें तोप, टैंक, वायु रक्षा एवं साजो-सामान शामिल होंगे। इसे जंग के लिए पूरी तरह से तैयार इकाई बनाने की संभावना है।